जयपुर. सवाई मानसिंह स्टेडियम में अब बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण हाउसिंग बोर्ड करेगा. इस अधूरे काम को पूरा करने का लक्ष्य 5 महीने का तय किया गया है. सामाजिक सरोकार कार्य को देखते हुए बोर्ड इसके लिए 6% एजेंसी चार्ज माफ करेगा. जबकि कोर्ट के निर्माण पर खर्च होने वाले करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए स्मार्ट सिटी लिमिटेड वहन करेगा.
राज्य सरकार के निर्देशानुसार एसएमएस स्टेडियम में अधूरे पड़े बैडमिंटन कोर्ट का काम अब राजस्थान आवासन मंडल की ओर से किया जाएगा. इस कोर्ट के निर्माण पर होने वाले खर्च को जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से वहन किया जाएगा.
इस संबंध में आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि पहले ये कार्य सुजलॉन एनर्जी की ओर से करवाया जा रहा था, लेकिन उनकी ओर से काम को अधूरा छोड़ दिया गया. ऐसे में अब इस कार्य को पूरा करने के लिए 5 महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं कोर्ट के निर्माण पर लगभग दो करोड़ पचास लाख रुपए की राशि खर्च होगी.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश और युवाओं से संबंधित सामाजिक सरोकार के कार्य को देखते हुए मंडल ने कार्य पर लगने वाले 6% एजेंसी चार्ज को भी माफ कर दिया है. वहीं मंडल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस अधूरे कार्य को पूरा करने की निविदा आमंत्रित कर, 14 सितंबर को कार्यादेश भी जारी कर दिया है.
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बहरहाल, सवाई मानसिंह स्टेडियम में लंबे समय से युवा बैडमिंटन कोर्ट की मांग करते आए हैं. इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने पहले कोर्ट बनाने की जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को दी है, लेकिन अब अधूरा काम पूरा करने का जिम्मा हाउसिंग बोर्ड को सौंपा गया है.