जयपुर. सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी (सीजीडब्ल्यूए) की गाइडलाइन के बाद राज्य सरकार ने ट्यूबवेल और बोरिंग खोदने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. अब इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है. जयपुर जिला कलेक्टर ने भी इस संबंध में एक आदेश जारी किया है. सीजीडब्ल्यूए के गाइड लाइन को लेकर जलदाय विभाग फिर से विचार करेगा.
सीजीडब्ल्यूए ने देशभर के लिए गाइडलाइन जारी की है. इसके बाद राजस्थान में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने आदेश जारी कर ट्यूबवेल और बोरिंग खोदने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. राजस्थान के सभी 33 जिलों में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है और जल संरक्षण का काम भी धीमी गति से हो रहा है. इसके बावजूद भी सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की गाइडलाइन के बाद राज्य सरकार ने आदेश निकाल दिया.
आदेश के बाद अब इसके बोरिंग और ट्यूबवेल के लिए जिला प्रशासन की जरूरत नहीं होगी. राजस्थान के 285 ब्लॉक में से 185 ब्लॉक डार्क जोन में है. सीजीडब्ल्यूए के आदेश के तहत कुछ श्रेणियों में बोरिंग के लिए एनओसी की जरूरत नहीं होगी. इनमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पेयजल के लिए घरेलू उपयोग, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना, सशस्त्र बल प्रतिष्ठान और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, कृषि गतिविधियों और सुक्ष्म एवं लघु उद्योगों में 10 सीयूएम प्रतिदिन पानी का उपयोग करने वालों को छूट दी गई है.
यह भी पढ़ें- शादी की खुशियों के बीच मातम: ट्रक और पिकअप की भिड़ंत में 4 लोगों की दर्दनाक मौत, केबिन में फंसे रह गए शव
नई औद्योगिक इकाइयों को बोरिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. जयपुर जिले में पहले किसी भी क्षेत्र में बोरिंग खुदवाने के लिए जिला प्रशासन के पास आवेदन करना होता था और जिला स्तरीय कमेटी में आवेदन पर चर्चा कर निर्णय लिया जाता था. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने राज्य सरकार के आदेश की पालना के लिए आदेश जारी किया है. आदेश में आयुक्त पुलिस आयुक्तालय, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, सभी उपखंड अधिकारियों और सभी तहसीलदारों को कहा गया है कि वह भूजल निष्कर्षण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिशा-निर्देशों की पालना कराएंगे.