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अब सभी विकास प्राधिकरण और नगरीय विकास न्यास की संपत्तियों की होगी यूनिक प्रॉपर्टी आईडी - यूनिक प्रॉपर्टी आईडी

शहरों में सभी संपत्तियों की यूनिट प्रॉपर्टी आईडी जनरेट होगी. इस सम्बंध में नगरीय विकास विभाग ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं. इसके तहत सभी संपत्तियों को डिजिटलाइज किया जाएगा.

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नगरीय विकास न्यास की संपत्तियों की होगी यूनिक प्रॉपर्टी आईडी
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Published : Feb 6, 2021, 6:15 PM IST

जयपुर. शहरों में सभी संपत्तियों की यूनिट प्रॉपर्टी आईडी जनरेट होगी. इस सम्बंध में नगरीय विकास विभाग ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं. इसके तहत सभी संपत्तियों को डिजिटलाइज किया जाएगा. उसके बाद प्रत्येक संपत्ति की यूनिक प्रॉपर्टी आईडी जनरेट होगी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की ओर से पत्रावली को मंजूरी के बाद नगरीय विकास विभाग ने ये निर्देश जारी किए हैं.

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नगरीय विकास न्यास की संपत्तियों की होगी यूनिक प्रॉपर्टी आईडी

नगरीय विकास विभाग द्वारा यूनिक प्रॉपर्टी आईडी जनरेशन के संबंध में ऑनलाइन सर्विस तैयार कर सभी विकास प्राधिकरण और नगरीय विकास न्यास के कार्य क्षेत्र में सभी प्रॉपर्टीज को डिजिटलाइज किया जा रहा है. हालांकि विभाग द्वारा इस संबंध में दोबारा निर्देशित किया गया है. विभाग की ओर से लागू की गई भवन मानचित्र अनुमोदन, नाम हस्तांतरण/म्यूटेशन इत्यादि ऑनलाइन सेवाओं के आवेदन के लिए ऐसी प्रॉपर्टी का यूनिक प्रॉपर्टी आईडी होना आवश्यक होगा.

ऐसे में आवश्यक रूप से सभी नगरीय क्षेत्रों में सभी प्रॉपर्टीज की यूनिक आईडी ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से बनाया जाना अविलंब सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि विभाग जल्द ही जयपुर, अजमेर, जोधपुर सहित विकास प्राधिकरण में ऑनलाइन आवेदन के लिए यूआईडी नंबर अनिवार्य करेगा.

यह भी पढ़ें- अक्षय कुमार स्टारर बच्चन पांडे की स्टारकास्ट पर लगे गंभीर आरोप, जैसलमेर कोर्ट में परिवाद दायर

बता दें कि यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से संपत्तियों का रिकॉर्ड यूआईटी और विकास प्राधिकरण रिकॉर्ड में परिलक्षित होगा, जिससे भूमि के लीज डीड का काम आसानी से संधारित किया जा सकेगा. अब तक पूरे प्रदेश में महज 9.5 लाख संपत्तियों का ही डाटा है. यही वजह है कि अब सभी यूआईटी और विकास प्राधिकरण को दोबारा यूनिक आईडी बनाने के लिए निर्देशित किया गया है. इससे ना केवल राज्य के पुराने भूमि रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा, बल्कि संपत्ति विवादों के तेजी से समाधान भी हो सकेंगे.

जयपुर. शहरों में सभी संपत्तियों की यूनिट प्रॉपर्टी आईडी जनरेट होगी. इस सम्बंध में नगरीय विकास विभाग ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं. इसके तहत सभी संपत्तियों को डिजिटलाइज किया जाएगा. उसके बाद प्रत्येक संपत्ति की यूनिक प्रॉपर्टी आईडी जनरेट होगी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की ओर से पत्रावली को मंजूरी के बाद नगरीय विकास विभाग ने ये निर्देश जारी किए हैं.

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नगरीय विकास न्यास की संपत्तियों की होगी यूनिक प्रॉपर्टी आईडी

नगरीय विकास विभाग द्वारा यूनिक प्रॉपर्टी आईडी जनरेशन के संबंध में ऑनलाइन सर्विस तैयार कर सभी विकास प्राधिकरण और नगरीय विकास न्यास के कार्य क्षेत्र में सभी प्रॉपर्टीज को डिजिटलाइज किया जा रहा है. हालांकि विभाग द्वारा इस संबंध में दोबारा निर्देशित किया गया है. विभाग की ओर से लागू की गई भवन मानचित्र अनुमोदन, नाम हस्तांतरण/म्यूटेशन इत्यादि ऑनलाइन सेवाओं के आवेदन के लिए ऐसी प्रॉपर्टी का यूनिक प्रॉपर्टी आईडी होना आवश्यक होगा.

ऐसे में आवश्यक रूप से सभी नगरीय क्षेत्रों में सभी प्रॉपर्टीज की यूनिक आईडी ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से बनाया जाना अविलंब सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि विभाग जल्द ही जयपुर, अजमेर, जोधपुर सहित विकास प्राधिकरण में ऑनलाइन आवेदन के लिए यूआईडी नंबर अनिवार्य करेगा.

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बता दें कि यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से संपत्तियों का रिकॉर्ड यूआईटी और विकास प्राधिकरण रिकॉर्ड में परिलक्षित होगा, जिससे भूमि के लीज डीड का काम आसानी से संधारित किया जा सकेगा. अब तक पूरे प्रदेश में महज 9.5 लाख संपत्तियों का ही डाटा है. यही वजह है कि अब सभी यूआईटी और विकास प्राधिकरण को दोबारा यूनिक आईडी बनाने के लिए निर्देशित किया गया है. इससे ना केवल राज्य के पुराने भूमि रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा, बल्कि संपत्ति विवादों के तेजी से समाधान भी हो सकेंगे.

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