जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिया को सुविधाएं लौटाने और बंगला खाली करने के लिए पन्द्रह दिन का नोटिस दिया गया है. वहीं, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सुविधाएं लौटा दी है. उन्हें एमएलए कोटे के तहत बंगला आवंटन के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है.
राज्य सरकार के मौखिक बयान को सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 17 फरवरी को तय की है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मिलाप चंद डांडिया की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि हाईकोर्ट ने पिछले 4 सितंबर को आदेश जारी कर राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा 7 बीबी और धारा 11 (2) को रद्द कर दिया था. इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया था.
पढ़ें- जयपुर से अहमदाबाद की फ्लाइट रद्द...तो मुंबई से दिल्ली जा रही फ्लाइट डायवर्ट होकर पहुंची जयपुर
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बावजूद अब तक दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से सुविधाएं वापस नहीं ली गई हैं. इस पर महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि पूर्व सीएम पहाडिया दिल्ली में इलाज ले रहे हैं. उन्हें पन्द्रह दिन का नोटिस जारी कर दिया गया है. जबकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सुविधाएं लौटा दी है. उन्हें एमएलए कोटे में बंगला आवंटन के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है.