जयपुर. राजधानी में परिवहन विभाग की ओर से एक जनवरी से वाहनों की फिटनेस को निजी क्षेत्र में देने के विरोध में लगातार ट्रांसपोर्टर का प्रदर्शन जारी है. इसको लेकर पहले भी 24 जनवरी को ट्रांसपोर्टर की ओर से चक्का जाम किया जा चुका था. जिसके अंतर्गत करीब शहर के 26 हजार ऑटो रिक्शा और मिनी बसें संचालित नहीं हुई थी, जिसके वजह से आमजन को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा था. इसको लेकर अब राजस्थान सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है.
राजधानी में 28 जनवरी को राहुल गांधी की एक बड़ी रैली होने वाली है. इसको लेकर अब जयपुर कमर्शियल वाहन महासंघ की ओर से 28 जनवरी को राहुल गांधी की सभा में पूर्ण रूप से बहिष्कार कर किसी भी तरह का वाहन नहीं देने की बात भी कही गई है. जयपुर कमर्शियल महान महासंघ के सभी समर्थित यूनियन जिसमें ट्रक, बस, ऑटो रिक्शा, कार सहित सभी यात्री वाहनों का सर्वसम्मति से बहिष्कार करने की घोषणा भी कर दी है.
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जयपुर कमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक अनिल आनंद की मानें तो, परिवहन विभाग की ओर से परिवहन कार्यालयों में कमर्शियल वाहनों का फिटनेस कार्य बंद करने के विरोध में यह निर्णय लिया गया है. पूर्व में परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त से भी उनकी वार्ता हो चुकी है, जो कि बिल्कुल विफल रही थी.
अब कमर्शियल वाहन महासंघ का कहना है कि, यदि 30 जनवरी तक राजस्थान सरकार और महासंघ की ओर से उच्च न्यायालय में जिला परिवहन कार्यालय पर फिटनेस सेंटर चालू करने की अपेक्षा है, यदि 30 जनवरी तक यह चालू नहीं की गई तो एक बार फिर प्रदेशभर में चक्का जाम किया जाएगा.