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Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan : अगले 15 दिन नए आवेदन नहीं सिर्फ पेंडिंग प्रकरणों के निस्तारण के लिए निकाला जाएगा रास्ता - Pending cases in Prashashan Shehro ke sang Abhiyan

1 से 15 जनवरी तक प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर नहीं लगाए (No Prashashan Shehro Ke Sang camp till 15th January) जाएंगे. इस अंतराल का उपयोग पेंडिंग प्रकरणों का निपटारा करने में किया जाएगा. कुछ मामलों पर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है. अगर कोई रास्ता निकलता है, तो हजारों पट्टे बांटने का रास्ता खुल सकता है.

Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan
प्रशासन शहरों के संग अभियान
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Published : Jan 1, 2022, 7:51 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 9:23 PM IST

जयपुर. निकायों के पास पेंडिंग प्रकरणों की लंबी फेहरिस्त है. जिनका निपटारा करने के लिए अब प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविरों को 15 दिन विराम लगाकर पेंडिंग प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा. विभाग के उच्च अधिकारी निकायों के अधिकारी, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर कई उलझे हुए प्रकरणों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. साथ ही निकायों ने विभिन्न प्रकरणों में राज्य सरकार से मार्गदर्शन भी मांगा है. यदि ऐसे प्रकरणों का निस्तारण होता है, तो हजारों पट्टे बांटने का रास्ता भी खुलेगा.

2 अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान के 15 दिन तक शिविर नहीं लगेंगे. बल्कि उच्च अधिकारियों की गठित टीम अब तक आए आवेदनों का निपटारा (Pending cases in Prashashan Shehro ke sang Abhiyan) करेगी और निकायों के अधिकारी-कर्मचारियों के सामने आ रही समस्याओं का भी समाधान करेगी. निकायों को 69ए, स्टेट ग्रांट, कच्ची बस्ती, अप्रूव्ड लेआउट प्लान को लेकर निर्देश दिए हुए हैं. लेकिन इनसे जुड़े कई प्रकरणों में निकायों की ओर से राज्य सरकार से मार्गदर्शन में मांगा गया है.

अगले 15 दिन नए आवेदन नहीं सिर्फ पेंडिंग प्रकरणों के निस्तारण के लिए निकाला जाएगा रास्ता

पढ़ें: CM Gehlot Decision on Indira Rasoi: गरीबों को पौष्टिक भोजन देने के लिए इंदिरा रसोई में प्रति थाली 5 रुपए अनुदान बढ़ाया गया

अभियान के इस विराम को लेकर हेरिटेज निगम के कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान को 1 से 15 जनवरी तक विराम दिया गया है. हालांकि इस दौरान रिवाइज प्लान बना कर लंबित प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा. निगम के संज्ञान में आने वाले कई प्रकरणों में राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है. यदि इस तरह के प्रकरणों में राज्य सरकार कोई रास्ता निकालती है, तो हेरिटेज निगम 2 से 3 हजार पट्टे और दे पाएगा. उन्होंने बताया कि पेंडिंग प्रकरणों के कारणों का पता लगाकर उनका निस्तारण किया जाना है. इसके लिए जोनवार मीटिंग कराई जा रही है.

पढ़ें: कोरोना पर सख्ती: जयपुर में 3 जनवरी से शुरू होगा रोको-टोको अभियान, नहीं माने तो भरना पड़ेगा चालान

इस क्रम में जयपुर हेरिटेज का नंबर 18 जनवरी को आएगा. आपको बता दें कि प्रदेश के सभी 10 नगर निगमों में हेरिटेज निगम टॉप पर है. यहां अब तक करीब 2000 पट्टे बांटे जा चुके हैं. जो टारगेट राज्य सरकार की ओर से दिया गया है, उसको अचीव करने का दावा भी किया जा रहा है.

जयपुर. निकायों के पास पेंडिंग प्रकरणों की लंबी फेहरिस्त है. जिनका निपटारा करने के लिए अब प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविरों को 15 दिन विराम लगाकर पेंडिंग प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा. विभाग के उच्च अधिकारी निकायों के अधिकारी, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर कई उलझे हुए प्रकरणों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. साथ ही निकायों ने विभिन्न प्रकरणों में राज्य सरकार से मार्गदर्शन भी मांगा है. यदि ऐसे प्रकरणों का निस्तारण होता है, तो हजारों पट्टे बांटने का रास्ता भी खुलेगा.

2 अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान के 15 दिन तक शिविर नहीं लगेंगे. बल्कि उच्च अधिकारियों की गठित टीम अब तक आए आवेदनों का निपटारा (Pending cases in Prashashan Shehro ke sang Abhiyan) करेगी और निकायों के अधिकारी-कर्मचारियों के सामने आ रही समस्याओं का भी समाधान करेगी. निकायों को 69ए, स्टेट ग्रांट, कच्ची बस्ती, अप्रूव्ड लेआउट प्लान को लेकर निर्देश दिए हुए हैं. लेकिन इनसे जुड़े कई प्रकरणों में निकायों की ओर से राज्य सरकार से मार्गदर्शन में मांगा गया है.

अगले 15 दिन नए आवेदन नहीं सिर्फ पेंडिंग प्रकरणों के निस्तारण के लिए निकाला जाएगा रास्ता

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अभियान के इस विराम को लेकर हेरिटेज निगम के कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान को 1 से 15 जनवरी तक विराम दिया गया है. हालांकि इस दौरान रिवाइज प्लान बना कर लंबित प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा. निगम के संज्ञान में आने वाले कई प्रकरणों में राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है. यदि इस तरह के प्रकरणों में राज्य सरकार कोई रास्ता निकालती है, तो हेरिटेज निगम 2 से 3 हजार पट्टे और दे पाएगा. उन्होंने बताया कि पेंडिंग प्रकरणों के कारणों का पता लगाकर उनका निस्तारण किया जाना है. इसके लिए जोनवार मीटिंग कराई जा रही है.

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इस क्रम में जयपुर हेरिटेज का नंबर 18 जनवरी को आएगा. आपको बता दें कि प्रदेश के सभी 10 नगर निगमों में हेरिटेज निगम टॉप पर है. यहां अब तक करीब 2000 पट्टे बांटे जा चुके हैं. जो टारगेट राज्य सरकार की ओर से दिया गया है, उसको अचीव करने का दावा भी किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 1, 2022, 9:23 PM IST
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