जयपुर. देश में बहस का मुद्दा बना हिजाब का विवाद अब कर्नाटक से चल कर राजस्थान (Rajasthan Hijab Controversy) तक पहुंच गया है. जयपुर जिले के चाकसू के निजी कॉलेज में बुरका पहनकर पहुंची मुस्लिम छात्राओं को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कॉलेज प्रशासन ने इस लिए प्रवेश देने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने बुरका को यूनिफॉर्म नहीं माना.
कर्नाटक के बाद जयपुर में आए इस विवाद को लेकर मुस्लिम संगठनों ने भी नाराजगी जताई है. नेशनल मुस्लिम वुमन सोसाइटी ने इसे संविधान में मिले मूल अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि यह सब चुनाव के वक्त ही क्यों याद आते हैं. धर्म के नाम पर राजनीति ठीक नहीं है. नेशनल मुस्लिम वुमन वेलफेयर सोसाइटी की प्रेसिडेंट निषाद हुसैन ने कहा कि आज जो घटनाएं हमारे यहां पर घटित हो रही हैं, यह बहुत ही ज्यादा चिंताजनक हैं.
इस देश के लोगों को क्या हो गया है? जिस देश की गंगा-जमुना की तहजीब है, जिसमें एक हमारा खूबसूरत संविधान है, जिसमें सभी विधान दिए हुए हैं. उसमें सब कुछ दिया हुआ है कि किस तरह से मानव के अधिकार हैं, किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन हम देख रहे हैं कि पूरे हिंदुस्तान में जब भी चुनाव आते हैं तो हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठा दिया जाता है. चाहे वो परदे को लेकर हो, चाहे वह आतंकवादी कहने का हो या फिर नमाज पढ़ने को लेकर हो.
निषाद हुसैन ने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमान भी उतने ही वफादार हैं, जितने कि दूसरे लोग हैं. जहां तक हम हिजाब की बात करते हैं, जो मुद्दा अन्य राज्य से निकलते हुए (Controversy Over Dress Code in India) राजस्थान में भी आ गया है. जिस तरह से घटना जयपुर में सामने आई है, यह बहुत ज्यादा शर्मनाक है.
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राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं. सब कुछ अच्छे से चल रहा है, लेकिन यहां पर अब हिंदू-मुस्लिम की राजनीति को हवा देने की कोशिश की जा रही है. जिस तरह से एक मुस्लिम बच्ची को कॉलेज में जाते वक्त रोका गया है और वह सिर्फ इसलिए कि उसने हिजाब पहना हुआ था. यह घटना बहुत ही चिंताजनक है. यह समझ से परे है. इससे पहले भी सालों से मुस्लिम लड़कियां कॉलेज, स्कूल में हिजाब पहनकर जाती हैं, लेकिन जब चुनाव आते हैं तभी इस तरह के मुद्दे उठाए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगर आप देखें तो जिस तरह से (National Muslim Women Welfare Society on Hijab Issue) शांत प्रदेश रहा है, यहां पर इस तरह की घटना देखने को नहीं मिलती थी. ऐसे में सरकार को पुलिस को सतर्क रहने की जरूरत है. अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो हमारे यहां के पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ेगा. सोसाइटी की सदस्य जारा खान ने कहा कि हम गणतंत्र भारत में रहते हैं, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां पर हर व्यक्ति को अपनी मर्जी से जीने का अधिकार है.
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अपनी पसंद के कपडे़ पहनने का अधिकार है, लेकिन अब जिस तरह से कर्नाटक के बाद में राजस्थान में बुरका पहनने की घटना सामने आई है, वह चिंताजनक है. बुरका मजहब में महिलाओं को जायज दिया हुआ है. अगर संविधान में भी देखें तो हमें भी इसके अधिकार दिए हैं. चुनाव के समय इस तरह की धर्म की राजनीति बड़ी चिंताजनक है.
पोस्ट पर विवाद : जयपुर के सुभाष चौक थाने के पुलिसकर्मी पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप लगे हैं. हिजाब से जुड़ी आपत्तिजनक पोस्ट के बाद मुस्लिम संगठनों की तरफ से मार्च निकाला गया. मुस्लिम परिषद अध्यक्ष यूनुस चोपदार ने कमिश्नरेट में अधिकारियों से मुलाकात कर दोषी पुलिसकर्मी को तुरंत सस्पेंड करने की मांग रखी है.