जयपुर. प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया अगले 6 महीने के लिए मौजूदा मुख्य सचिव निरंजन आर्य ही रह सकते हैं. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीएस निरंजन आर्य की एक्सटेंशन फाइल दिल्ली भेज दी है. सरकार की मंशा है कि तीन-तीन महीने के एक्सटेंशन के साथ अगले 6 महीने के लिए निरंजन आर्य को ही मुख्य सचिव (Niranjan Arya will remain Chief Secretary of Rajasthan) रखा जाए. हालांकि, एक्सटेंशन को लेकर अंतिम निर्णय अब केंद्र सरकार के स्तर पर होना है.
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में इन दिनों प्रदेश के नए ब्यूरोक्रेसी के मुखिया को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. मौजूदा मुख्य सचिव निरंजन आर्य इसी महीने के आखिरी में रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में सबकी निगाहें इसी बात पर है कि चुनावी माहौल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किस अधिकारी पर अपना भरोसा जताते हैं. इसमें पहले दिल्ली डेपुटेशन पर लगी उषा शर्मा और माइन्स का जिम्मा संभाल रहे एसीएस सुबोध अग्रवाल को लेकर चर्चाएं जोरों पर थी. उषा शर्मा को लेकर यह कहा जा रहा है था कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता की करीबी रिश्तेदार होने और महिला को मुख्य सचिव बनाकर सीएम गहलोत दिल्ली आलाकमान को भी एक मैसेज दे सकते हैं.
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सुबोध अग्रवाल माने जा रहे थे मजबूत दावेदार: चुनावी माहौल में बार-बार सीएस नहीं बदलना पड़े इस लिहाज से सुबोध अग्रवाल भी मजबूत दावेदार माने जा रहे थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों में बदले समीकरण के बाद यह जानकारी मिल रही है कि मौजूदा मुख्य सचिव को ही सरकार अगले 6 महीने के लिए एक्सटेंशन देने के पक्ष में है. सूत्रों की मानें तो इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय से दिल्ली केंद्र सरकार के पास एक्सटेंशन की फाइल (Niranjan Arya may get extension) भेजी जा चुकी है. जिसमें तीन-तीन महीने के एक्सटेंशन की बात कही जा रही है.
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निरंजन आर्य ने किया था एक्सटेंशन से इनकार: 26 जनवरी को अनौपचारिक बातचीत में मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने एक्सटेंशन की बात को लेकर इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें किसी तरह का कोई एक्सटेंशन नहीं मिलने जा रहा है. लेकिन सचिवालय गलियारों में जिस तरह से चर्चाएं हो रही हैं और सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसने यह माना जा रहा है कि सरकार मुख्य सचिव को बदलने के पक्ष में नहीं है.
मुख्यमंत्री के बेहद नजदीकी: निरंजन आर्य के एक्सटेंशन की कवायद शुरू करने के पीछे वजह यह भी है कि आर्य को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बेहद करीबी माना जाता है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निरंजन आर्य को जब मुख्य सचिव बनाया गया था उस वक्त करीब 10 सीनियर आईएएस अधिकारियों को नजरअंदाज करके आर्य को मुख्य सचिव बनाया गया था. हालांकि, सरकार के इस फैसले से ब्यूरोक्रेसी के कई अधिकारी नाराज भी हुए थे और कुछ अधिकारी दिल्ली डेपुटेशन पर चले गए थे. इतना ही नहीं ब्यूरोक्रेसी की नाराजगी का सामना करने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएस निरंजन आर्य की पत्नी को भी आरपीएससी का मेंबर बनाया था.
31 जनवरी को हो रहे रिटायर: राज्य के मौजूदा मुख्य सचिव निरंजन आर्य 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद यह कहा जा रहा था कि निरंजन आर्य को जन अभाव अभियोग का जिम्मा दिया जा सकता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में चर्चाएं जोरों पर है कि आर्य को एक्सटेंशन (Niranjan Arya may get extension) दिया जा रहा है. कुछ जानकार यह भी कहते हैं कि आर्य एक्सटेंशन के बाद जब रिटायर होंगे तो वह राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त के रूप में भी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. कहा जा रहा है कि एक्सटेंशन के बाद जब आर्य रिटायर होंगे तो उसी समय राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद भी खाली होगा.