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राजस्थान में नाइट स्काई टूरिज्म की शुरुआत...चांद-तारों सहित अन्य ग्रहों का मुफ्त दीदार कराएगी गहलोत सरकार

गहलोत सरकार अब लोगों को अलग-अलग दिन चांद-तारों सहित ब्रह्मांड के अन्य ग्रहों का दीदार करवाएगी. विशिष्ट खगोलीय घटनाओं को दिखाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग जयपुर के अलग-अलग टूरिस्ट पैलेसों पर अलग-अलग दिन टेलीस्कोप लगाया जाएगा. इसकी शुरुआत गुरुवार को कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला और मुख्य सचिव निरंजन आर्य की उपस्थिति में जयपुर में शासन सचिवालय से की गई.

night sky tourism in rajasthan
आकाशीय नजारों को देखते बीडी कल्ला और निरंजन आर्य
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Published : Jan 21, 2021, 10:50 PM IST

जयपुर. नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नाइट स्काई टूरिज्म की जयपुर में आज गुरुवार को शुरुआत की गई. इस मौके पर कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने टेलीस्कोप के माध्यम से आकाशीय नजारों को देखने के बाद कहा कि नाइट स्काई टूरिज्म की शुरुआत से विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा होगी. आकाशीय पिंडाें में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को इससे मदद मिलेगी. इसके लिए शहर में अलग-अलग स्पॉट बनाने होंगे जहां से टेलिस्कॉप के माध्यम से पर्यटक आकाशीय नजारों का अवलोकन कर सकें.

मंत्री बीडी कल्ला और मुख्य सचिव जानकारी देते...

उन्होंने कहा कि नाइट स्काई टूरिज्म से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही आम जनता मेंं वैज्ञानिक सोच का निर्माण भी होगा. इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने भी आकाशीय नजारों को देखा. उन्होंने कहा कि चांद को एक नये स्वरूप में देखना एक नया ही अनुभव है. आर्य ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर स्थित गड्ढों को इतना साफ देखना उनके लिए अद्भुत अनुभव है. मुख्य सचिव ने कहा कि आम जीवन को विज्ञान और बेहतर बना सकता है, इसलिए हमें वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक नई शुरुआत है. इससे लोगों को एक नई दिशा में सोचने एवं आकाश गंगा के बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा होगी. शासन सचिव, कला एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मुग्धा सिन्हा ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों में वैज्ञानिक सोच पैदा हो, प्रकृति में होने वाली घटनाओं के बारे में वैज्ञानिक तरीके से लोग जागरूक हो सकें. इसके लिए नाइट स्काई टूरिज्म की शुरुआत की गई है.

खगोलीय परिदृश्य के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर नि:शुल्क सुविधा...

लोगों के लिए निःशुल्क रूप से यह सुविधा उपलब्ध रहेगी. प्रतिमाह खगोलीय परिदृश्य के अनुसार यह सुविधा विभिन्न दिनों में अलग-अलग स्थानों पर निःशुल्क रूप से दिखाई जाएगी. सिन्हा ने कहा कि इस क्रम में समय-समय पर होने वाली विशिष्ट खगोलीय घटनाओं को दिखाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा व्यवस्था की गई है. 22 जनवरी को जवाहर कला केन्द्र से टेलीस्कोप द्वारा चंद्रमा को दिखाया जाएगा, 11 फरवरी को जंतर-मंतर से शनि, बृहस्पति, शुक्र एवं बुध ग्रहों को दिखाया जाएगा, 5 मार्च को अलबर्ट हॉल से बृहस्पति एवं बुध ग्रहों के संयोग को दिखाया जाएगा, 17 मई को आमेर किले से बुध ग्रह को दिखाया जाएगा, 26 मई को आमेर दुर्ग से वर्ष 2021 के सबसे बड़े चंद्रमा का दर्शन कराया जाएगा, 3 जुलाई को अलबर्ट हॉल से शुक्र ग्रह को दिखाया जाएगा.

पढ़ें : त्रिपक्षीय MoU पर सीएम गहलोत का बयान, कहा- तेल एवं गैस के बाद अब पोटाश से मिलेगी राजस्थान को नई पहचान

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार नाहरगढ़ दुर्ग से 2 अगस्त को शनि एवं चंद्रमा, 20 अगस्त को बृहस्पति एवं चंद्रमा, 23 अगस्त को बृहस्पति पर होने वाले ग्रहण को दिखाया जाएगा, 4 सितम्बर को सिटी पैलेस से वरूण एवं चंद्रमा को दिखाया जाएगा, राजस्थान विश्वविद्यालय से 4 अक्टूबर को बृहस्पति पर पड़ने वाली छाया एवं 29 अक्टूबर को शुक्र ग्रह का दृश्य दिखाया जाएगा एवं 4 नवंबर को जंतर-मंतर से अरूण एवं चंद्रमा का खगोलीय दृश्य निःशुल्क दिखाया जाएगा. खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वाले शोधार्थियों एवं जनसाधारण को हमारे सौरमंडल की विशिष्ट खगोलीय घटनाओं से परिचित कराने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है. इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, प्रमुख शासन सचिव हेमन्त गेरा, श्रम सचिव नीरज के. पवन सहित संबंधित विभागों के अधिकारी सहित सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे.

जयपुर. नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नाइट स्काई टूरिज्म की जयपुर में आज गुरुवार को शुरुआत की गई. इस मौके पर कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने टेलीस्कोप के माध्यम से आकाशीय नजारों को देखने के बाद कहा कि नाइट स्काई टूरिज्म की शुरुआत से विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा होगी. आकाशीय पिंडाें में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को इससे मदद मिलेगी. इसके लिए शहर में अलग-अलग स्पॉट बनाने होंगे जहां से टेलिस्कॉप के माध्यम से पर्यटक आकाशीय नजारों का अवलोकन कर सकें.

मंत्री बीडी कल्ला और मुख्य सचिव जानकारी देते...

उन्होंने कहा कि नाइट स्काई टूरिज्म से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही आम जनता मेंं वैज्ञानिक सोच का निर्माण भी होगा. इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने भी आकाशीय नजारों को देखा. उन्होंने कहा कि चांद को एक नये स्वरूप में देखना एक नया ही अनुभव है. आर्य ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर स्थित गड्ढों को इतना साफ देखना उनके लिए अद्भुत अनुभव है. मुख्य सचिव ने कहा कि आम जीवन को विज्ञान और बेहतर बना सकता है, इसलिए हमें वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक नई शुरुआत है. इससे लोगों को एक नई दिशा में सोचने एवं आकाश गंगा के बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा होगी. शासन सचिव, कला एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मुग्धा सिन्हा ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों में वैज्ञानिक सोच पैदा हो, प्रकृति में होने वाली घटनाओं के बारे में वैज्ञानिक तरीके से लोग जागरूक हो सकें. इसके लिए नाइट स्काई टूरिज्म की शुरुआत की गई है.

खगोलीय परिदृश्य के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर नि:शुल्क सुविधा...

लोगों के लिए निःशुल्क रूप से यह सुविधा उपलब्ध रहेगी. प्रतिमाह खगोलीय परिदृश्य के अनुसार यह सुविधा विभिन्न दिनों में अलग-अलग स्थानों पर निःशुल्क रूप से दिखाई जाएगी. सिन्हा ने कहा कि इस क्रम में समय-समय पर होने वाली विशिष्ट खगोलीय घटनाओं को दिखाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा व्यवस्था की गई है. 22 जनवरी को जवाहर कला केन्द्र से टेलीस्कोप द्वारा चंद्रमा को दिखाया जाएगा, 11 फरवरी को जंतर-मंतर से शनि, बृहस्पति, शुक्र एवं बुध ग्रहों को दिखाया जाएगा, 5 मार्च को अलबर्ट हॉल से बृहस्पति एवं बुध ग्रहों के संयोग को दिखाया जाएगा, 17 मई को आमेर किले से बुध ग्रह को दिखाया जाएगा, 26 मई को आमेर दुर्ग से वर्ष 2021 के सबसे बड़े चंद्रमा का दर्शन कराया जाएगा, 3 जुलाई को अलबर्ट हॉल से शुक्र ग्रह को दिखाया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि इसी प्रकार नाहरगढ़ दुर्ग से 2 अगस्त को शनि एवं चंद्रमा, 20 अगस्त को बृहस्पति एवं चंद्रमा, 23 अगस्त को बृहस्पति पर होने वाले ग्रहण को दिखाया जाएगा, 4 सितम्बर को सिटी पैलेस से वरूण एवं चंद्रमा को दिखाया जाएगा, राजस्थान विश्वविद्यालय से 4 अक्टूबर को बृहस्पति पर पड़ने वाली छाया एवं 29 अक्टूबर को शुक्र ग्रह का दृश्य दिखाया जाएगा एवं 4 नवंबर को जंतर-मंतर से अरूण एवं चंद्रमा का खगोलीय दृश्य निःशुल्क दिखाया जाएगा. खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वाले शोधार्थियों एवं जनसाधारण को हमारे सौरमंडल की विशिष्ट खगोलीय घटनाओं से परिचित कराने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है. इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, प्रमुख शासन सचिव हेमन्त गेरा, श्रम सचिव नीरज के. पवन सहित संबंधित विभागों के अधिकारी सहित सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे.

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