जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर से नाईजीरियन साइबर ठग सोशल मीडिया पर सक्रिय हुए हैं. वे अब फेस मॉर्फिंग के जरिए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. फेसबुक के माध्यम से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर उनसे मैसेंजर के जरिए बातचीत की जाती है. इसके बाद नाईजीरियन साइबर गैंग के लिए काम करने वाला व्यक्ति यूजर से वल्गर चैट करता है. फिर न्यूड वीडियो कॉल करने के लिए कहता है. ऐसी चैट और वीडियो कॉल को ठगों द्वारा रिकॉर्ड कर लिया जाता है. फिर उस चैट या वीडियो कॉल को वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की जाती है. इस प्रकार से साइबर ठग युवक युवतियों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.
राजस्थान पुलिस के लिए एक बार फिर से नाइजीरियन साइबर ठग एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आए हैं. पूर्व में वर्ष 2012-13 में नाईजीरियन साइबर ठगों ने लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया. लेकिन उसके बाद पुलिस की सख्ती के चलते वारदातों में काफी कमी दर्ज की गई. अब एक बार फिर प्रदेश में नाीजीरियन साइबर ठग एक्टिव हो चले हैं. जो फेसबुक के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ठगों के जाल में फसने के बाद लोक लाज के भय से पीड़ित व्यक्ति ठगों द्वारा मांगी जा रही राशि उनके पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर करवा रहा है.
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इस प्रकार से नाइजीरियन साइबर ठग बना रहे लोगों को अपना शिकार
1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए की जा रही फेस मॉर्फिंग
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए विभिन्न एप्लीकेशन का प्रयोग कर फेस मॉर्फिंग के जरिए किसी भी फेसबुक यूजर की फोटो उठाकर उस व्यक्ति के चेहरे को किसी न्यूड फोटो पर लगा देते हैं. फिर उस व्यक्ति की न्यूड फोटो तैयार कर लेते हैं. उसके बाद ठग वह न्यूड फोटो यूजर को मैसेंजर पर भेजते हैं. फोटो वायरल करने की धमकी देकर राशि की मांग की जाती है. साइबर ठग इस प्रकार से ज्यादातर युवतियों व महिलाओं को अपना शिकार बनाते हैं और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर पेटीएम अकाउंट में रुपए जमा करवाने को कहते हैं. लोक लाज के डर से जब यूजर एक बार ठगों द्वारा बताए गए पेटीएम अकाउंट में राशि जमा करवा देता है तो फिर ठगों द्वारा लगातार पीड़ित व्यक्ति को ब्लैकमेल कर उससे और राशि की मांग की जाती है.
2. युवतियों के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर युवकों को रिक्वेस्ट भेज कर रहे ब्लैकमेल
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि नाइजीरियन साइबर ठग युवतियों के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को रिक्वेस्ट भेज रहे हैं. जो भी यूजर ठगों की रिक्वेस्ट को असेप्ट कर रहा है उसे फिर हनीट्रैप में फंसा कर वल्गर चैट और न्यूड वीडियो कॉल की जा रही है. जिसे ठगों द्वारा रिकॉर्ड किया जा रहा है और फिर उस वीडियो कॉल और वल्गर चैट को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की जा रही है. ठगों द्वारा पेटीएम अकाउंट में रुपए जमा कराने के लिए कहा जा रहा है और एक बार रुपए जमा कराने के बाद पीड़ित को लगातार ब्लैकमेल कर और राशि मांगी जा रही है.
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3. पेटीएम की नॉन रिवर्सिबल पॉलिसी के चलते ठग बना रहे फर्जी अकाउंट
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग लोगों को ब्लैकमेल करने के बाद उनसे पेटीएम अकाउंट में रुपए जमा कराने को कहते हैं. पेटीएम की नॉन रिवर्सिबल पॉलिसी के चलते ही साइबर ठग ब्लैकमेल किए जाने वाले लोगों से पेटीएम अकाउंट में रुपए मंगाते हैं. एक बार जिस पेटीएम अकाउंट में रुपए जमा करवा दिए गए तो फिर उस अकाउंट से रुपए वापस नहीं लिए जा सकते हैं. पुलिस यदि उन अकाउंट को खंगाल कर जिस व्यक्ति के नाम से अकाउंट बनाया गया है उस तक पहुंचती है तो पता चलता है कि ठगों द्वारा उस व्यक्ति की आईडी का गलत तरीके से इस्तेमाल कर फर्जी पेटीएम अकाउंट बनाया गया है. ऐसा करके साइबर ठग पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं और पुलिस भी उन तक नहीं पहुंच पाती है.
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
1. फेसबुक का प्रोफाइल गार्ड रखें ऑन
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठगों का शिकार होने से बचने के लिए यूजर अपने फेसबुक का प्रोफाइल गार्ड हमेशा ऑन रखें. ऐसा करने से साइबर ठग चाह कर भी यूजर की फोटो को ना तो डाउनलोड कर पाएगा और ना ही उस का स्क्रीनशॉट ले पाएगा. इसके साथ ही यूजर अपने फेसबुक अकाउंट का टू स्टेप वेरिफिकेशन भी हमेशा ऑन रखें. जिससे उसका फेसबुक अकाउंट पूरी तरह से सिक्योर हो जाएगा और उस अकाउंट को साइबर ठगों द्वारा हैक नहीं किया जा सकेगा. इसके साथ ही यूजर कम से कम अपनी पर्सनल फोटो को फेसबुक पर शेयर करें. यदि यूजर अपनी पर्सनल फोटो को फेसबुक पर शेयर भी करता है तो वह तमाम सिक्योरिटी मेजरस को ध्यान में रखकर करें.
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2. फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग को करें ओन्ली फ्रेंड्स
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि फेसबुक यूजर अपने अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग को हमेशा ओन्ली फ्रेंड्स मोड पर रखें. ऐसा करने से यूजर द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर को केवल उसकी फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोग ही देख सकेंगे. इसके लिए यूजर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसकी फ्रेंड लिस्ट में कोई भी अनजान व्यक्ति ना जुड़ा हो जो उसकी फोटो का गलत प्रयोग कर सके. यदि यूजर फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग को फ्रेंड्स ऑफ फ्रेंड्स करता है तो भी उसकी फोटो का गलत इस्तेमाल होने की संभावना बढ़ जाती है. यदि यूजर की फ्रेंड लिस्ट में शामिल किसी दोस्त की प्रोफाइल में कोई साइबर ठग जुड़ा हुआ हो तो वह भी यूजर की प्रोफाइल को एक्सेस कर सकता है. ऐसे में यूजर साइबर ठगों के जाल में फस सकता है और ठगी का शिकार हो सकता है. इन तमाम संभावनाओं को देखते हुए यूजर अपने अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग को हमेशा ओन्ली फ्रेंड्स मोड पर ही रखें.