जयपुर. लॉकडाउन में जयपुर शहर के कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में जिला रसद विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा बांटना शुरू कर दिया है. लाभार्थियों को 5 फीसदी छीजत काटकर यह आटा पैक करके दिया जा रहा है. जयपुर जिले के रेगुलर अलॉटमेंट के रूप में 63 फीसदी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के हिस्से का 56 फीसदी आटा अब तक लाभार्थियों को वितरित कर दिया गया है. इसी मई महीने से लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा दिया जा रहा है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सहित पूरे देश में लॉकडाउन घोषित है और इस लॉकडाउन में लोगों को खाद्य सामग्री के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसलिए सरकार अलग-अलग तरीकों से आम जनता की मदद कर रही है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी परिवार को रेगुलर रूप में प्रत्येक सदस्य के अनुसार 5 किलो और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी प्रत्येक सदस्य को 5 किलो गेहूं दिया जा रहा है. कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में आटा चक्की नहीं खुलने के कारण रसद विभाग ने निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय खाद सुरक्षा के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा दिया जाए और यह आटा 10 फीसदी छीजत काटकर दिया जाए.
सरकार के निर्णय के अनुसार खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा देना शुरू कर दिया गया है. जयपुर के कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में भी लाभार्थियों को 5 किलो और 10 किलो पैकिंग में यह आटा दिया जा रहा है. जिला रसद अधिकारी कनिष्क सैनी ने बताया कि चारदीवारी के कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों की 192 उचित मूल्य की दुकानों पर रेगुलर हिस्से का 8777 क्विंटल आटा और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 7633 क्विंटल आटा उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचाया गया है, इनमें से प्रदेश सरकार के हिस्से का 63 फीसदी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 56 फीसदी आटे का वितरण कर दिया गया है.
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प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार 10 फीसदी छीजत के स्थान पर लाभार्थियों को 5 फीसदी छीजत काटकर ही यह आटा उपलब्ध कराया जा रहा है. उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा डोर टू डोर या उचित मूल्य की दुकानों पर लाभार्थियों को यह आटा दिया जा रहा है और उचित मूल्य की दुकानों पर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी तरह से पालना की जा रही है.