जयपुर. कोरोना महामारी के बीच हाल ही में देश के अलग-अलग राज्यों से इनवेस्टिगेशनल ऐंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर (Remdesivir) की कालाबाजारी की बात सामने आ रही है. इस बीच प्रदेश के औषधि नियंत्रण विभाग ने इस दवा की कालाबाजारी को रोकने के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की है. हालांकि राजस्थान में इस दवा की मांग काफी कम है, लेकिन दवा की कालाबाजारी नहीं हो इसके लिए चिकित्सा विभाग के औषधि नियंत्रण विभाग ने दवा की सप्लाई को बंद कर दिया.
औषधि नियंत्रण विभाग के ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल प्रदेश में रेमडेसिवीर दवा की कालाबाजारी का मामला सामने नहीं आया, लेकिन एहतियात के तौर पर औषधि नियंत्रण विभाग ने इसकी डायरेक्ट सप्लाई पर पाबंदी लगा दी है. यानी कोई भी कंपनी इस दवा को सीधे तौर पर किसी भी अस्पताल को सप्लाई नहीं करेगी. क्योंकि ऐसे में दवा की कालाबाजारी हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में फिलहाल इस दवाई की मांग काफी कम है.
किसको देनी है और किसको नहीं देनी है ये दवा
इनवेस्टिगेशनल ऐंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर (Remdesivir) नाम की दवा को हेल्थ मिनिस्ट्री ने 13 जून को मरीजों के इलाज करने के लिए परमिशन दी थी. ये दवा सिर्फ कोरोना के मॉडरेट केसेज पर ही इस्तेमाल की जा रही है. इसके साथ ही हेल्थ मिनिस्ट्री ने इस दवा का प्रयोग उन मरीजों पर नहीं करने के आदेश दिए थे. जिन्हें जिन्हें सीवर रेनल इम्पेयरमेंट है या लीवर एंजाइम्स ज्यादा हैं.
ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से सप्लाई ड्रग
कंट्रोलर राजाराम शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कुछ अस्पताल कोविड-19 इलाज के लिए चयनित किए गए हैं. ऐसे में अस्पतालों को सख्त निर्देश जारी किया गया है कि जिस मरीज को इस दवा की आवश्यकता होगी उसका प्रिसक्रिप्शन औषधि नियंत्रण विभाग को भेजना होगा और विभाग की ओर से संबंधित दवा कंपनी को इस बारे में जानकारी दी जाएगी और दवा कंपनी तभी रेमडेसिवीर की सप्लाई अस्पताल को देगी.
दवा की उपलब्धता
औषधि नियंत्रण विभाग का कहना है कि फिलहाल राजस्थान में दवा की कालाबाजारी का मामला सामने नहीं आया है और दवा की आपूर्ति और मांग पर भी लगातार विभाग नजर बनाए हुए है. दवा कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना औषधि नियंत्रण विभाग की अनुमति के वो दवा किसी भी अस्पताल को नहीं बेच सकते हैं. हालांकि राजस्थान में इस दवा की शॉर्टेज फिलहाल नहीं है.
कीमत
रेमडेसिवीर दवा की कीमत की बात की जाए तो औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से इसकी कीमत तय की गई है और प्रदेश में ₹45 सौ में यह दवा बेची जा रही है. हालांकि कुछ राज्यों में कालाबाजारी की घटनाएं सामने आ रही है. जहां यह भी देखने को मिला है कि ये दवा अपने असल दाम से 10 गुना अधिक दामों में बेची गई है.
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कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई
वहीं, दवा कि कालाबाजारी को लेकर औषधि नियंत्रण विभाग ने निर्देश भी जारी किए हैं और कहा है कि यदि दवा कंपनी बिना विभाग की अनुमति के सीधे सप्लाई देगी या दवा की कालाबाजारी करेगी तो उस पर विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा का यह भी कहना है कि रेमडेसिवीर दवा उन मरीजों को दी जाती है जो या तो वेंटिलेटर हो या फिर आईसीयू में भर्ती होते हैं और फिलहाल राजस्थान में इस तरह के मरीजों की संख्या काफी कम है.