जयपुर. गहलोत सरकार ने नई आबकारी नीति जारी कर दी है. यह नीति वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए जारी की गई है. नीति में राज्य में मदिरा की खुदरा दुकानों की संख्या 7665 रखी गई है. सभी दुकानें कंपोजिट श्रेणी की होगी. देशी मदिरा, राजस्थान निर्मित मदिरा और भारत निर्मित विदेशी मदिरा, बियर और वाइन की आपूर्ति के साथ विक्रय हो सकेगी.
2 साल के लिए आबकारी एवं मद्य संयम नीति जारी: वित्त विभाग की ओर से जारी की गई इस नई नीति में पिछली बार की तुलना में इस बार वार्षिक गारंटी में अधिकतम 12 फीसदी और न्यूनतम 7 फीसदी तक की वृद्धि की गई है. हालांकि होटल और बार शुल्क में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. जिसको लेकर होटल बार एसोसिएशन में थोड़ी निराशा देखने को मिली. कोरोना काल के चलते होटल बार एसोसिएशन ने शुल्क में कमी करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने उनकी मांग पर शुल्क में कमी तो नहीं की लेकिन वृद्धि भी नहीं की.
खुदरा दुकानों की ऑनलाइन नीलामी के लिए आवेदन शुल्क: 1 करोड़ रुपए के न्यूनतम रिजर्व प्राइज वाली दुकान की 75 हजार वार्षिक गारंटी रखी गई है. इसमें पिछली बार की तुलना में 12 प्रतिशत वृद्धि की गई है. 1 करोड़ से अधिक और 2 करोड़ तक रिजर्व प्राइज वाली दुकान की 1 लाख वार्षिक गारंटी रखी गई है. इसमें पिछली बार की तुलना में 11 प्रतिशत वृद्धि की गई है. 2 करोड़ से अधिक और 3 करोड़ तक रिजर्व प्राइज वाली दुकान की 1.25 लाख वार्षिक गारंटी रखी गई है.
इसमें पिछली बार की तुलना में 10 प्रतिशत वृद्धि की गई है. 3 करोड़ से अधिक और 4 करोड़ तक रिजर्व प्राइज वाली दुकान की 1.50 लाख वार्षिक गारंटी रखी गई है. इसमें पिछले बार की तुलना में 9 प्रतिशत वृद्धि की गई है. 4 करोड़ से अधिक और 5 करोड़ तक रिजर्व प्राइज वाली दुकान की 1.75 लाख वार्षिक गारंटी रखी गई है. इसमें पिछली बार की तुलना में 8 प्रतिशत वृद्धि की गई है. 5 करोड़ से अधिक न्यूनतम रिजर्व प्राइज वाली दुकान की 2 लाख वार्षिक गारंटी रखी गई है. इसमें पिछली बार की तुलना में 7 प्रतिशत वृद्धि की गई है.