जयपुर. प्रदेश के रूफटॉप रेस्टोरेंट को लेकर राज्य सरकार की ओर से नए बॉयलॉज बनाए गए हैं. ये बायलॉज व्यवसायिक इमारतों पर रूफटॉप रेस्टोरेंट को वैधता देने के लिए तैयार किए गए हैं. जिसके तहत रूफटॉप पर पक्का निर्माण नहीं करने, ज्वलनशील पदार्थों से निर्माण नहीं करने, अस्थाई स्टील या एल्युमीनियम सामग्री से ढांचा तैयार करने और छत पर तीन चौथाई हिस्से को खुला छोड़ने जैसे नियम तय किए हैं.
राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चल रहे रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को बड़ी राहत दी गई है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर रूफटॉप रेस्टोरेंट बायलॉज को यूडीएच और एलएसजी के अधिकारियों ने अंतिम रूप देकर जारी किया. जिसमें ये प्रावधान किया गया है कि अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र के जरिए इन रूफटॉप रेस्टोरेंट का नियमन कर दिया जाएगा. ऐसे में शहर में अब तक अवैध कहलाने वाले 400 से ज्यादा रूफटॉप रेस्टोरेंट वैध हो जाएंगे.
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इस संबंध में डीएलबी निदेशक उज्ज्वल राठौड़ ने कहा कि रूफटॉप रेस्टोरेंट को रेगुलेट करने के लिए समय-समय पर मांग उठती आई है. इसे लेकर यूडीएच मंत्री स्तर पर भी बैठकें की गई है. वहीं इसे लेकर यूडीएच और एलएसजी स्तर पर टीम बनाई गई थी. टीम ने लीगल एग्जामिन कर नए बायलॉज तैयार किए है. जिसके तहत प्रमुख रूप से फायर एनओसी देने का प्रावधान तय किया गया है. वहीं रूफटॉप पर खाना बनाने की बजाये सिर्फ परोसने की व्यवस्था रखने जैसे नियम निर्धारित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि रूफटॉप रेस्टोरेंट के बायलॉज के संबंध में यूडीएच और एलएसजी ने संयुक्त आदेश निकाले हैं.
बहरहाल, नए बायलॉज से गली-गली में आवासीय छतों पर खुलने वाले रेस्टोरेंट्स पर लगाम लगेगी. वहीं पैरामीटर्स के तहत योग्य संचालक ही रेस्टोरेंट चला सकेंगे. पॉलिसी के तहत रूफटॉप रेस्टोरेंट को रजिस्टर्ड किया जाएगा. साथ ही निगम से फायर एनओसी भी ली जाएगी. उन्हीं रूफटॉप रेस्टोरेंट को चलने दिया जाएगा, जो मानकों पर खरे उतरेंगे. हालांकि इन बायलॉज को प्रायोगिक बताया जा रहा है. जिसमें समय के साथ-साथ बदलाव होना भी संभव है.