जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कोविड-19 के इस संकट में स्थानीय वस्तुओं का महत्व सिद्ध हो गया है. स्थानीय लोग ही थे, जिन्होंने इस संकट के दौरान भारत की मांग को स्थानीय मानव श्रम से स्थानीय स्तर पर पूरा किया. अब समय आ गया है कि स्थानीय सामान बनाने वाले लोगों की मदद की जाए. हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह स्थानीय उत्पादों को खरीदें और स्थानीय उत्पादों और उत्पादन करने वालों के प्रति मुखर हों.
राज्यपाल कलराज मिश्र बुधवार को राजभवन से 'स्थानीय के लिए मुखर हों' वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. इस वेबिनार का आयोजन बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से किया गया.
'स्थानीय सामान पर गर्व भी करना है'
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कोविड के इस आपातकाल के दौर ने जीवन के ऐसे मोड़ पर हमें लाकर खड़ा कर दिया है, जिसके बारे में हमने कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था. जीवन की सभी गतिविधियों को रोक दिया है. उन्होंने कहा कि साथ ही एक अवसर भी प्रदान किया है कि हम कुछ गंभीर और महत्वपूर्ण निर्णय ले पाएं. वोकल फॉर लोकल भी एक ऐसा ही कार्य है, जो देश और समय की जरूरत है.
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कलराज मिश्र ने कहा कि अब स्थानीय उत्पादों के बारे में मुखर होने और इन्हें वैश्विक बनाने में सहायता करने का भी समय आ गया है. राज्यपाल ने कहा कि देश के 130 करोड़ देशवासियों का लोकल उत्पादों के प्रति संकल्प और दृढ़ विश्वास से ही लोकल के लिए वोकल होने और लोकल को ग्लोबल बनाया जा सकता है. यह हमारे स्थानीय ब्रांडों को वैश्विक उपस्थिति के लिए भी प्रेरित करेगा.
मिश्र ने कहा कि अनेक भारतीय उत्पादों में वास्तव में वैश्विक होने की क्षमता है. यदि भारतीय स्थानीय के लिए मुखर हो जाएं तो उत्पाद बनाने वाली देश की सूक्ष्म, लघु और मध्यम कंपनियां विश्व में विशिष्ट पहचान बना लेगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के इस समय में भारतीय उत्पादन, स्थानीय बाजारों और स्थानीय आपूर्ति की श्रृंखलाओं को महत्वपूर्ण रूप से मान्यता देनी होगी. कोविड-19 ने हमको सिखा दिया है कि भारत का स्थानीय उत्पाद महत्वपूर्ण है. संकट के समय लोगों की मांग वास्तव में स्थानीय स्तर पर ही पूरी हुई थी.
यह भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी...
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वोकल फॉर लोकल के इस अभियान से देश की कंपनियों में गर्व की भावना मजबूत होगी. साथ ही बेहतर उत्पाद बनाने की तरफ भी देश की निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह अवधारणा भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी. वर्तमान आर्थिक संकट को दूर करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता है. इसलिए भारतीय उत्पादों को खरीदने से भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा. यह अभियान देश के लिए बहुत आवश्यक है.
भारत दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है...
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कोविड काल ने हमें यह सिखाया है कि आपात स्थिति में देश में बनी वस्तु ही देश की जरूरत को पूरा कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए स्थानीय मॉडल पर विचार करने का अब समय आ गया है. स्थानीय स्तर पर बन सकने वाली वस्तुओं को बाहर से मंगाने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल ना केवल दुरुपयोग है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर भी कम होते हैं.
'देश में प्रतिभा और हुनर की कमी नहीं है'
कलराज मिश्र ने कहा कि देश में प्रतिभा और हुनर की कमी नहीं है. देश के नागरिकों ने हर स्तर पर यह सिद्ध कर दिया है. लेकिन धीरे-धीरे उचित अवसरों की कमी के कारण प्रतिभाएं देश के बाहर जाने को मजबूर होती चली गई. अब पुनः एक बार ऐसा समय आ गया है कि जिसमें हम ऐसे अवसर बना सकते हैं कि जिससे देश में शोध व विकास मजबूत हो.
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मिश्र ने कहा कि हम अपनी जरूरत की सभी चीजें स्वयं बनाने में सक्षम हो सके. यह हमारे देश की युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाएगा और हमारी सोच को भी वोकल फॉर लोकल बनाएगा. देश में इस तरह का आंदोलन चलाए जाने की आवश्यकता है. वहीं, वेबिनार को नोएडा के गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने भी संबोधित किया.