जयपुर. भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मोत्सव महावीर जयंती 25 अप्रैल को है. इससे पहले जयपुर शहर के यूनिक मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष में एक अनूठी कलाकृति बनाई है. यह कलाकृति कोई मिट्टी या किसी पत्थर पर नहीं बनाई गई, बल्कि पेंसिल की नोक पर बनाई गई है.
सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है. नवरत्न प्रजापति ने भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष में भगवान महावीर की मूर्ति को पेंसिल की नोक पर बनाकर एक अनूठा कारनामा कर दिखाया है. पेंसिल की नोक पर बनाई गई भगवान महावीर की मूर्ति की ऊंचाई मात्र सिर्फ 0.5 सेंटीमीटर है. वहीं नवरत्न प्रजापति को इस मूर्ति को बनाने में करीब 6 दिन का वक्त लगा. नवरत्न भगवान महावीर की इस मूर्ति को बनाने के लिए सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक इस पर अपने कलाकारी से इसे निखरते रहे.
हालांकि इस मूर्ति को बनाने में नवरत्न को काफी पसीना बहाना पड़ा. चार बार मूर्ति का 90 प्रतिशत तक काम भी पूरा हो गया, लेकिन यह मूर्ति टूट गई. हालांकि फिर भी नवरत्न प्रजापति का हौंसला नहीं टूटा और उन्होंने 6 दिन में इस मूर्ति को बनाकर एक अनूठी सफलता हासिल की.
नवरत्न प्रजापति का इस मूर्ति को बनाने का उद्देश्य देशवासियों और मानव जाति को महावीर जी के सिद्धांतों की पालना कराना और मनुष्य को हिंसा का मार्ग छोड़ कर अहिंसा के मार्ग पर ले जाना है. साथ ही इस कलयुग में सत्य के कदम पर चलना, पशु पक्षियों पर दया प्रेम दिखाना ही नवरत्न प्रजापति का उद्देश्य है. हालांकि नवरत्न प्रजापति को इस बात का मलाल है कि वह इस मूर्ति को जैन समाज को समर्पित करना चाहते हैं, लेकिन आंशिक लॉकडाउन लग जाने की वजह से वह इस मूर्ति को समर्पित कर पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं.
यह भी पढ़ें- रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर जयपुर पुलिस की अपील, 'पैनिक न हों, धैर्य रखें'
इससे पहले भी नवरत्न प्रजापति ने चने की दाल पर मोटरसाइकिल, सबसे छोटी लालटेन, पेंसिल की नोक पर महाराणा प्रताप, वल्लभभाई पटेल, गणेश जी की प्रतिमा बना चुके हैं. यहां तक कि एक पेंसिल पर 101 कड़ी की चेन भी नवरत्न प्रजापत ने बनाकर गिनीज बुक, लिम्का बुक, यूनिक बुक और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है.