जयपुर. सेंट्रल जेल में कैदियों को केरल से आए नेचुरोपैथी पद्धति के ट्रेनर्स से ट्रेनिंग दिलवाई गई है. ट्रेनर्स द्वारा जिन कैदियों को नेचुरोपैथी पद्धति की ट्रेनिंग दी गई वह अब अन्य कैदियों को इस पद्धति की ट्रेनिंग देने का काम कर रहे हैं. इसके बाद जयपुर सेंट्रल जेल में बंद बीमार कैदियों का नेचुरोपैथी पद्धति से इलाज करना शुरू किया जाएगा.
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प्रायोगिक तौर पर नेचुरोपैथी पद्धति की सुविधा जयपुर सेंट्रल जेल में शुरू की जा रही है और इसके परिणाम सकारात्मक रहने पर इसे प्रदेश की अन्य जेल में भी शुरू करने पर विचार किया जाएगा. जयपुर सेंट्रल जेल में वर्तमान में 2000 से ज्यादा कैदी बंद है और आए दिन कोई न कोई कैदी किसी न किसी बीमारी से परेशान रहता है. ऐसे में कैदियों की परेशानी को देखते हुए जयपुर सेंट्रल जेल में नेचुरोपैथी पद्धति की सुविधा शुरू की जा रही है.
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इसके लिए बकायदा पहले 10 कैदियों को केरल से आए ट्रेनर्स से ट्रेनिंग दिलवाई गई है. जिसमें अनेक सेशन में नेचुरोपैथी पद्धति के बारे में कैदियों को जानकारी देकर किस प्रकार से रोगी को इलाज दिया जाए इसकी ट्रेनिंग दिलवाई गई है. अब यह 10 कैदी 20 अन्य कैदियों को भी नेचुरोपैथी पद्धति की ट्रेनिंग दे रहे हैं और जब ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी तो जयपुर सेंट्रल जेल में 30 कैदी नेचुरोपैथी पद्धति के जरिए रोगी कैदियों का इलाज करेंगे.
इस प्रकार से किया जाएगा नेचुरोपैथी पद्धति के जरिए इलाजः
नेचुरोपैथी पद्धति पूरी तरह से सामान्य चिकित्सा कहलाती है जो कि खानपान पर निर्भर करती है. नेचुरोपैथी पद्धति में रोगी के उपचार के लिए कसरत, जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, जड़ी बूटियों आदि का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके तहत कैदियों को इन तमाम क्रियाओं के बारे में जानकारी देकर इसकी ट्रेनिंग दी गई है. कैदी अब नेचुरोपैथी पद्धति से सामान्य बीमारियों का इलाज कर सकेंगे. वहीं जेल में अन्य मेडिकल स्टाफ और सीनियर डॉक्टर भी अपना काम करते रहेंगे.