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समर्थन मूल्य पर खरीद नीति निर्धारित करना केंद्र का काम, भाजपा नेताओं की मांग गलत: रामपाल जाट - Rajasthan News

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद नीति निर्धारित करना केंद्र का काम है. इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा के प्रदेश नेताओं की इसमें राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग करना गलत है.

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किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति
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Published : Apr 27, 2020, 8:12 AM IST

Updated : May 24, 2020, 11:44 PM IST

जयपुर. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सभी राजनीतिक दलों को मिलकर किसान हित में काम करना चाहिए. किसानों के मामलों को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए.रामपाल जाट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा के प्रदेश नेताओं द्वारा किसानों को उपज के दाम दिलाने के लिए राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग करना निराधार है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की नीति निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.

रामपाल जाट ने बताया कि गेहूं, चना और सरसों की खरीद के लक्ष्य का कुल उत्पादन का 25 फीसदी से कम है. मूल्य समर्थन योजना में तैयार प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) के तहत तिलहन, दलहन, चना और सरसों खरीद के कुल उत्पादन से 25 फीसदी करने की मात्रा की सीमा निर्धारित कर दी गई है. वहीं, गेहूं खरीद का लक्ष्य कुल उत्पादन में 15 फीसदी से कम तय किया गया है. दूसरी ओर वर्ष में अधिकतम 90 दिन खरीद का प्रावधान बनाकर अवरोध पेश किया गया है.

पढ़ें: लॉकडाउन में बाहर बैठे लोगों को समझाने पहुंची पुलिस पर लाठियों और पत्थरों से हमला, मामला दर्ज

वहीं, उन्होंने कहा कि जहां तक खरीद केंद्रों की संख्या का प्रश्न है, यह राज्य सरकार के अधीन है. इसमें किसानों को मांग को देखते हुए खरीद केंद्रों की संख्या में 3 गुना बढ़ोतरी की गई है. अभी इनकी संख्या बढ़ाने का काम निरंतर चल रहा है. राजस्थान में 45 हजार 539 ग्रामों के मध्य ये संख्या कम है. 6570 ग्राम सेवा सहकारी समिति पर खरीद केंद्र बनाकर चलते-फिरते वाहनों से ग्राम स्तर पर खरीद की है. इस दिशा में राज्य सरकार ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है. उसमें अभी भी और गति बढ़ाने की आवश्यकता है.

रामपाल जाट ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र 'सुराज संकल्प-2013' के नाम से जारी किया था. उसमें किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए स्थाई तंत्र बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर खरीद की मात्रा को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने और कोरोना संक्रमित होने से रोकने के लिए खरीद अवधि 6 महीने करने का अनुरोध किया है. उन्होंने अपने पत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समय के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का भी आग्रह किया है. इसमें 31 से 60 दिन तक 50 रुपये प्रति क्विंटल, 61 से 90 दिन तक 75 रुपये प्रति क्विंटल, 91 से 120 दिन तक 100 रुपए प्रति क्विंटल, 121 से 150 दिन तक 125 रुपये प्रति क्विंटल और 151 से 180 दिन तक 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का आग्रह किया है.

पढ़ें: किससे सुनाएं दर्द...जिसे वोट दिया वो तो AC में बैठे हैं...पैदल चलते-चलते पैर घिस गएः प्रवासी मजदूर

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि पार्टियों को राजनीति करने के स्थान पर मिलकर किसानों के हित में कार्य करना चाहिए. भाजपा नेताओं को साथ मिलकर किसान की बात करनी चाहिए. किसान हित में मुख्यमंत्री को गेहूं खरीद का लक्ष्य कुल उत्पादन में 80 फीसदी तक खरीद करने के लिए केंद्र से आग्रह करना चाहिए.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के लिए बनाए गए प्रकरण को निराधार माना और रामपाल जाट को 8 दिन के बाद बिना जमानत मुचलके के जेल से छोड़ा गया था.

जयपुर. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सभी राजनीतिक दलों को मिलकर किसान हित में काम करना चाहिए. किसानों के मामलों को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए.रामपाल जाट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा के प्रदेश नेताओं द्वारा किसानों को उपज के दाम दिलाने के लिए राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग करना निराधार है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की नीति निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.

रामपाल जाट ने बताया कि गेहूं, चना और सरसों की खरीद के लक्ष्य का कुल उत्पादन का 25 फीसदी से कम है. मूल्य समर्थन योजना में तैयार प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) के तहत तिलहन, दलहन, चना और सरसों खरीद के कुल उत्पादन से 25 फीसदी करने की मात्रा की सीमा निर्धारित कर दी गई है. वहीं, गेहूं खरीद का लक्ष्य कुल उत्पादन में 15 फीसदी से कम तय किया गया है. दूसरी ओर वर्ष में अधिकतम 90 दिन खरीद का प्रावधान बनाकर अवरोध पेश किया गया है.

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वहीं, उन्होंने कहा कि जहां तक खरीद केंद्रों की संख्या का प्रश्न है, यह राज्य सरकार के अधीन है. इसमें किसानों को मांग को देखते हुए खरीद केंद्रों की संख्या में 3 गुना बढ़ोतरी की गई है. अभी इनकी संख्या बढ़ाने का काम निरंतर चल रहा है. राजस्थान में 45 हजार 539 ग्रामों के मध्य ये संख्या कम है. 6570 ग्राम सेवा सहकारी समिति पर खरीद केंद्र बनाकर चलते-फिरते वाहनों से ग्राम स्तर पर खरीद की है. इस दिशा में राज्य सरकार ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है. उसमें अभी भी और गति बढ़ाने की आवश्यकता है.

रामपाल जाट ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र 'सुराज संकल्प-2013' के नाम से जारी किया था. उसमें किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए स्थाई तंत्र बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर खरीद की मात्रा को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने और कोरोना संक्रमित होने से रोकने के लिए खरीद अवधि 6 महीने करने का अनुरोध किया है. उन्होंने अपने पत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समय के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का भी आग्रह किया है. इसमें 31 से 60 दिन तक 50 रुपये प्रति क्विंटल, 61 से 90 दिन तक 75 रुपये प्रति क्विंटल, 91 से 120 दिन तक 100 रुपए प्रति क्विंटल, 121 से 150 दिन तक 125 रुपये प्रति क्विंटल और 151 से 180 दिन तक 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का आग्रह किया है.

पढ़ें: किससे सुनाएं दर्द...जिसे वोट दिया वो तो AC में बैठे हैं...पैदल चलते-चलते पैर घिस गएः प्रवासी मजदूर

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि पार्टियों को राजनीति करने के स्थान पर मिलकर किसानों के हित में कार्य करना चाहिए. भाजपा नेताओं को साथ मिलकर किसान की बात करनी चाहिए. किसान हित में मुख्यमंत्री को गेहूं खरीद का लक्ष्य कुल उत्पादन में 80 फीसदी तक खरीद करने के लिए केंद्र से आग्रह करना चाहिए.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के लिए बनाए गए प्रकरण को निराधार माना और रामपाल जाट को 8 दिन के बाद बिना जमानत मुचलके के जेल से छोड़ा गया था.

Last Updated : May 24, 2020, 11:44 PM IST
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