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जयपुर: 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट में अब नहीं जोड़े जा सकेंगे नाम - Jaipur News

31 दिसंबर बीतने के साथ ही जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित करने की व्यवस्था बंद कर दी गई है. साल 2000 से पहले जन्मे या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में अब नाम अंकित नहीं किए जाएंगे. वहीं, आमजन को राहत देने के लिए निगम प्रशासन ने इसकी आखरी डेट बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है, जो उनके पास विचाराधीन है.

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Published : Jan 1, 2020, 8:33 PM IST

जयपुर. वर्ष 2000 से पहले जन्मे या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित नहीं होंगे. 31 दिसंबर बीतने के साथ जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित करने की ये व्यवस्था बंद कर दी गई है. हालांकि, जनता को राहत देने के लिए निगम प्रशासन ने इसकी आखरी डेट बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है.

बर्थ सर्टिफिकेट में अब नहीं जोड़े जा सकेंगे नाम

जिन बच्चों का जन्म पंजीयन वर्ष 2000 से पहले किया गया है. लेकिन जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित नहीं कराया गया है. ऐसे बच्चों का नाम अब बर्थ सर्टिफिकेट में नहीं जोड़ा जा सकेगा. नगर निगम की ओर से ये सुविधा बुधवार से बंद कर दी गई है. दरअसल, सांख्यिकी निदेशालय से मिले निर्देशों की पालना करते हुए बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जोड़ने की तारीख 31 दिसंबर निर्धारित की गई थी.

पढ़ें- पैन को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 तक बढ़ी

वहीं, अब 1 जनवरी 2020 से अगर नया जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जाता है, तो उसे बिना नाम वाला जन्म प्रमाण पत्र ही उपलब्ध कराया जाएगा. यही नहीं पूर्व में जारी बिना नाम वाले प्रमाण पत्र में भी उसका नाम दर्ज नहीं किया जाएगा.

इस संबंध में जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि 15 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम नहीं लिखे जाने का अधिनियम में प्रावधान है. हालांकि, बीच में सरकार ने 5 साल की छूट दी थी. लेकिन आम जनता में जागरूकता की कमी है. इसलिए सरकार को तारीख आगे बढ़ाने के लिए लिखा गया है, जो उनके पास विचाराधीन है.

जयपुर. वर्ष 2000 से पहले जन्मे या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित नहीं होंगे. 31 दिसंबर बीतने के साथ जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित करने की ये व्यवस्था बंद कर दी गई है. हालांकि, जनता को राहत देने के लिए निगम प्रशासन ने इसकी आखरी डेट बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है.

बर्थ सर्टिफिकेट में अब नहीं जोड़े जा सकेंगे नाम

जिन बच्चों का जन्म पंजीयन वर्ष 2000 से पहले किया गया है. लेकिन जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित नहीं कराया गया है. ऐसे बच्चों का नाम अब बर्थ सर्टिफिकेट में नहीं जोड़ा जा सकेगा. नगर निगम की ओर से ये सुविधा बुधवार से बंद कर दी गई है. दरअसल, सांख्यिकी निदेशालय से मिले निर्देशों की पालना करते हुए बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जोड़ने की तारीख 31 दिसंबर निर्धारित की गई थी.

पढ़ें- पैन को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 तक बढ़ी

वहीं, अब 1 जनवरी 2020 से अगर नया जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जाता है, तो उसे बिना नाम वाला जन्म प्रमाण पत्र ही उपलब्ध कराया जाएगा. यही नहीं पूर्व में जारी बिना नाम वाले प्रमाण पत्र में भी उसका नाम दर्ज नहीं किया जाएगा.

इस संबंध में जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि 15 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम नहीं लिखे जाने का अधिनियम में प्रावधान है. हालांकि, बीच में सरकार ने 5 साल की छूट दी थी. लेकिन आम जनता में जागरूकता की कमी है. इसलिए सरकार को तारीख आगे बढ़ाने के लिए लिखा गया है, जो उनके पास विचाराधीन है.

Intro:जयपुर - अब साल 2000 से पहले जन्मे या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित नहीं होंगे। 31 दिसंबर बीतने के साथ जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित करने की ये व्यवस्था बंद कर दी गई है। हालांकि जनता को राहत देने के लिए निगम प्रशासन ने इस की आखरी डेट बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा है।


Body:जिन बच्चों का जन्म पंजीयन वर्ष 2000 से पहले किया गया है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र में नाम अंकित नहीं कराया गया है। ऐसे बच्चों का नाम अब बर्थ सर्टिफिकेट में नहीं जोड़ा जा सकेगा। नगर निगम की ओर से ये सुविधा आज से बंद कर दी गई है। दरअसल, सांख्यिकी निदेशालय से मिले निर्देशों की पालना करते हुए बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जोड़ने की तारीख 31 दिसम्बर निर्धारित की गई थी। 1 जनवरी 2020 यानी आज से यदि नया जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जाता है, तो उसे बिना नाम वाला जन्म प्रमाण पत्र ही उपलब्ध कराया जाएगा। यही नहीं पूर्व में जारी बिना नाम वाले प्रमाण पत्र में भी उसका नाम दर्ज नहीं किया जाएगा। इस संबंध में जन्म मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि 15 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम नहीं लिखे जाने का अधिनियम में प्रावधान है। हालांकि बीच में सरकार ने 5 साल की छूट दी थी। लेकिन आम जनता में जागरूकता की कमी है। इसलिए सरकार को तारीख आगे बढ़ाने के लिए लिखा गया है, जो उनके पास विचाराधीन है।
बाईट - प्रदीप पारीक, रजिस्ट्रार, जन्म मृत्यु पंजीयन


Conclusion:यही वजह रही की आज नगर निगम का सेवा केंद्र खाली दिखा।
हालांकि 2014 में भी ये समय अवधि 5 साल के लिए बढ़ाई गई थी। ऐसे में नियम में राहत देने के लिए नगर निगम आयुक्त ने सांख्यिकी निदेशालय के मुख्य रजिस्ट्रार को पत्र लिखा हुआ है। लेकिन फिलहाल के लिए निगम में ये व्यवस्था खत्म हो गई है।
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