जयपुर. राज्यसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. मुस्लिम संगठनों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस बार किसी मुस्लिम चेहरे को टिकट देकर राज्यसभा में भेजा जाए. अलग-अलग मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारी और मुस्लिम जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर इस बार मुस्लिम समाज से किसी को राज्यसभा में भेजने की मांग (Demand of Muslim candidate for Rajya sabha in Rajasthan) कर रहे हैं.
मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि मुस्लिम वर्ग कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है. इसी को देखते हुए इस बार के राज्यसभा चुनाव में मुस्लिम को टिकट दिया जाए, साथ ही राज्यसभा सांसद भी बनाया जाए. मुस्लिम संगठनों ने इस बात की लिए नाराजगी जताई है कि पिछले काफी समय से कांग्रेस अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज कर रही है. वहीं पदाधिकारियों का कहना है कि जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगम चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जीते, इसके बावजूद मेयर का पद किसी और वर्ग को दे (Muslim candidate for Rajya sabha) दिया गया.
मुस्लिम के बिना नही बन पाती सरकार: राजस्थान मुस्लिम फोरम के हाजी निजामुद्दीन ने कहा कि आगामी राज्यसभा चुनाव में 2 मुस्लिम लोगों को टिकट दिया जाए. उनका कहना है कि मुस्लिम समाज के 90 फीसदी लोग कांग्रेस को वोट देते हैं, इसके बावजूद भी उनके हाथों में कुछ नहीं है. इस मुद्दे पर तहरीक उलेमा हिंद के हाफिज मंजूर ने कहा है कि आजादी मिलने के बाद से अब तक प्रदेश की सियासत को देखा जाए तो मुस्लिम समाज को बहुत कम प्रतिनिधित्व दिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि मुसलमान कांग्रेस सरकार के साथ नहीं होता तो वर्तमान में कांग्रेस की सरकार नहीं बनती. इसी चीज को मद्देनजर रखते हुए कम से कम इस बार एक मुस्लिम चेहरे को राज्यसभा से टिकट मिलना चाहिए. इसी के सात उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस ने यदि कांग्रेस ने मुस्लिम चहरे को टिकट नहीं दिया तो अने वाले समय में कांग्रेस इसका खामियाज भुगतेगी.
10 जून को राज्यसभा चुनाव: 10 जून को राजस्थान में 4 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी कर दी गई है. इन चुनावों के लिए कांग्रेस और भाजपा में लगातार मंथन का दौर देखने को मिल रहा है. इसी बीच मुस्लिम संगठनों ने भी एक मुस्लिम चेहरे को टिकट देने की मांग उठाई है.