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गिरफ्त में मुन्ना भाई: दे चुके थे खाद्य निगम भर्ती परीक्षा, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में खुल गई पोल - caught through biomatric verification

परीक्षा में चालबाजी करने की फिराक में बैठे मुन्ना भाई की पोल बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में खुल गई. ये जालसाज, भारतीय खाद्य निगम की तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में किसी और के नाम पर बैठा था. जयपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

fraud caught
पकड़ा गया मुन्नाभाई
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Published : Aug 5, 2021, 1:12 PM IST

जयपुर। जयपुर में किसी और के नाम पर परीक्षा दे रहे मुन्ना भाई का राज बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में फेल होने के बाद फाश हो गया. झारखंड से आए मंगलदीप प्रसाद उर्फ मुन्नाभाई राजस्थान के पवन कुमार मीणा के लिए ये 'फर्जी' काम कर रहे थे. मीणा के नाम और पहचान पर प्रसाद भारतीय खाद्य निगम की तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में बैठे थे. खुलासे के बाद भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारी नलिन जैन ने फर्जी अभ्यर्थी और मूल अभ्यर्थी समेत उनके साथ लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है.

पुलिस ने बताया कि खाद्य निगम के कर्मचारी नलिन जैन ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3 अगस्त को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के दौरान फर्जी अभ्यर्थी का खुलासा हुआ है. उन्होंने बताया कि मूल अभ्यर्थी पवन कुमार मीणा के स्थान पर झारखंड निवासी मंगलदीप प्रसाद परीक्षा में बैठे.

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में झूठ पकड़ा गया. मूल अभ्यर्थी से फोटो का मिलान नहीं हुआ तो संदिग्ध से पूछताछ की गई. आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. इसके बाद उससे पहचान पत्र मांगा गया तो उसने पवन कुमार मीणा का पेन कार्ड दिखा दिया. इसके अलावा कोई भी पहचान पत्र नहीं दिखा पाया.

शक होने पर खाद्य निगम के अधिकारियों ने मूल अभ्यर्थी के बारे में पूछताछ की तो जवाब नहीं मिल पाया. अधिकारियों ने मौके पर मौजूद असल अभ्यर्थी के रिश्तेदार से पूछताछ की तो वो टूट गया. कुछ देर बाद ही दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

आरोपी अभ्यर्थी मंगलदीप प्रसाद ने राज उगल दिया. बताया कि भर्ती परीक्षा में उसने पवन कुमार मीणा के स्थान पर 2 जून को फेज-1 और 27 जुलाई को फेज सेकंड परीक्षा दी थी. जिसमें पवन कुमार पास घोषित किया गया. इसके बाद दस्तावेज सत्यापन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए खाद्य निगम ने प्रवेश पत्र जारी किया.

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए पवन कुमार मीणा उपस्थित हुआ. चूंकि परीक्षा के दौरान मंगलदीप प्रसाद का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराया गया था इसलिए मीणा बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन में फेल हो गया. बार-बार बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन में सफल न होने के बाद पवन कुमार मीणा ने 3 अगस्त को मंगलदीप प्रसाद को अपनी जगह भेजा. प्रसाद बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ा गया.

उसे दबोचने के बाद अधिकारियों ने मंगलदीप प्रसाद के मार्फत फोन करवाकर मूल अभ्यर्थी पवन कुमार मीणा को निगम कार्यालय बुलाया. जहां पर दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

जयपुर। जयपुर में किसी और के नाम पर परीक्षा दे रहे मुन्ना भाई का राज बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में फेल होने के बाद फाश हो गया. झारखंड से आए मंगलदीप प्रसाद उर्फ मुन्नाभाई राजस्थान के पवन कुमार मीणा के लिए ये 'फर्जी' काम कर रहे थे. मीणा के नाम और पहचान पर प्रसाद भारतीय खाद्य निगम की तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में बैठे थे. खुलासे के बाद भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारी नलिन जैन ने फर्जी अभ्यर्थी और मूल अभ्यर्थी समेत उनके साथ लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है.

पुलिस ने बताया कि खाद्य निगम के कर्मचारी नलिन जैन ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3 अगस्त को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के दौरान फर्जी अभ्यर्थी का खुलासा हुआ है. उन्होंने बताया कि मूल अभ्यर्थी पवन कुमार मीणा के स्थान पर झारखंड निवासी मंगलदीप प्रसाद परीक्षा में बैठे.

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में झूठ पकड़ा गया. मूल अभ्यर्थी से फोटो का मिलान नहीं हुआ तो संदिग्ध से पूछताछ की गई. आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. इसके बाद उससे पहचान पत्र मांगा गया तो उसने पवन कुमार मीणा का पेन कार्ड दिखा दिया. इसके अलावा कोई भी पहचान पत्र नहीं दिखा पाया.

शक होने पर खाद्य निगम के अधिकारियों ने मूल अभ्यर्थी के बारे में पूछताछ की तो जवाब नहीं मिल पाया. अधिकारियों ने मौके पर मौजूद असल अभ्यर्थी के रिश्तेदार से पूछताछ की तो वो टूट गया. कुछ देर बाद ही दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

आरोपी अभ्यर्थी मंगलदीप प्रसाद ने राज उगल दिया. बताया कि भर्ती परीक्षा में उसने पवन कुमार मीणा के स्थान पर 2 जून को फेज-1 और 27 जुलाई को फेज सेकंड परीक्षा दी थी. जिसमें पवन कुमार पास घोषित किया गया. इसके बाद दस्तावेज सत्यापन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए खाद्य निगम ने प्रवेश पत्र जारी किया.

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए पवन कुमार मीणा उपस्थित हुआ. चूंकि परीक्षा के दौरान मंगलदीप प्रसाद का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराया गया था इसलिए मीणा बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन में फेल हो गया. बार-बार बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन में सफल न होने के बाद पवन कुमार मीणा ने 3 अगस्त को मंगलदीप प्रसाद को अपनी जगह भेजा. प्रसाद बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ा गया.

उसे दबोचने के बाद अधिकारियों ने मंगलदीप प्रसाद के मार्फत फोन करवाकर मूल अभ्यर्थी पवन कुमार मीणा को निगम कार्यालय बुलाया. जहां पर दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

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