जयपुर. सांसद रामचरण बोहरा ने विद्या संबल योजना में अपनाए जा रहे दोहरे मापदण्ड को लेकर (MP Ramcharan Bohra wrote a letter to CM Ashok Gehlot) मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. स्कूल शिक्षा की विद्या संबल योजना (Vidya Sambal Yojana ) में सेवानिवृत कार्मिकों को मौका देने पर उन्होंने इसे बेरोजगारों के हितों पर कुठाराघात बताया है.
सांसद रामचरण बोहरा ने बताया कि वर्ष 2021-22 के बजट में विद्या सबल योजना लागू की गई थी. बेरोजगारों को राहत देने एवं स्थाई रोजगार प्राप्त न होने तक पात्र बेरोजगारों को "विद्या संबल योजना के माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के संचालित शिक्षण संस्थानों आदि में रिक्त पड़े पदों पर बतौर गेस्ट फैकल्टी के रूप में लेने की घोषणा की गई थी. माध्यमिक शिक्षा राजस्थान के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर स्कूल शिक्षा में विद्या संबल योजना को लागू करने के लिए निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि आदेश से साफ जाहिर होता है कि विद्या संबल योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है.
जारी दिशा निर्देशों में सेवानिवृत्त कार्मिकों को ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में लगाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से रोजगार का इंतजार कर रहे बेरोजगारों के हितों पर कुठाराघात है. सांसद ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए भी विद्या संबल योजना में सेवानिवृत्त कार्मिकों की जगह योग्यता प्राप्त बेरोजगार युवाओं को अवसर दिया गया है तो फिर स्कूल शिक्षा में बेरोजगार युवाओं को वंचित क्यों रखा जा रहा है?. यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है?.
बोहरा ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2017 में 64 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों, 2018 में 9 हजार द्वितीय श्रेणी शिक्षक एवं 5 हजार स्कूल के पदों पर अंतिम बार भर्ती की थी. तब से आज तक द्वितीय श्रेणी और स्कूल व्याख्याता के पदों पर भर्ती नहीं की गई है. ऐसे में वर्तमान में 32 हजार पदों पर चल रही रीट 2021 भर्ती के लेवल 2 के पेपर को लीक के कारण रद्द कर दिया गया है. इससे रोजगार का सपना देख रहे प्रदेश के बेरोजगार नौजवान हताश हैं और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में विद्या संबल योजना ही सहारा था. इसमें भी सेवानिवृत्त कार्मिकों को अवसर दिए जाने से बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्कूल शिक्षा में तृतीय श्रेणी के 77 हजार, द्वितीय श्रेणी के 18 हजार, स्कूल व्याख्याता के 15 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं. अतः उच्च शिक्षा में विद्या संबल योजना में शिक्षित एवं योग्यता प्राप्त बेरोजगारों को अवसर दिया गया है. उसी प्रकार स्कूल शिक्षा में भी विद्या संबल योजना में सेवानिवृत्त कार्मिकों की जगह प्रदेश के शिक्षित और योग्यता प्राप्त बेरोजगार युवाओं को बजट घोषणा अनुरूप मौका देने की मांग की है.