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सांसद रामचरण बोहरा ने द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को पूरा करने की उठाई मांग - amanishah nalla

जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार का 1400 करोड़ का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी का काम अटकने की मुख्य वजह नगर निगम और जेडीए के विवाद को बताया है. ऐसे में बोहरा ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का कार्य पूर्ण करने की मांग की है.

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द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को पूरा करने की उठाई मांग
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Published : Jul 4, 2020, 2:41 AM IST

जयपुर. चार साल पहले अमानीशाह नाले को दोबारा द्रव्यवती नदी बनने का सफर शुरू हुआ. लेकिन ये सफर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. आलम ये है कि सीवरेज के पानी को ट्रीटेड करके नदी में डालने का काम तो दूर की बात, अब नदी की स्थिति नाले से भी बदतर होती जा रही है.

द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को पूरा करने की उठाई मांग

देखरेख के अभाव में शहर की सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है. 47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में कुल 5 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. लेकिन आज तक एसटीपी प्लांट से नालों को जोड़ने का काम पूरा नहीं हो पाया है. नदी में आज भी सीवरेज का गंदा पानी आ रहा है. इसे लेकर अब जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

यह भी पढ़ेंः उदयपुर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और राजसमंद जिले के 21 नगरीय निकायों में मनोनीत सदस्यों की सूची जारी

बोहरा ने नगर निगम और जेडीए के बीच फंसे 1400 करोड़ रुपये द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट पर लगे ग्रहण को दूर कर जयपुर वासियों को राहत देने की मांग की है. सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने बजट में 150 करोड़ खर्च करने की घोषणा की थी, जिससे फेल पड़े एसटीपी को अपग्रेड करके 17 एमएलडी का नया संयंत्र लगाया जाना था. लेकिन 1 साल बाद भी घोषणा पूर्ण नहीं होने से जयपुर वासी जहरीली सब्जियां खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि जेडीए और नगर निगम के आपसी विवाद में जयपुर की आम जनता पिस रही है. उन्होंने द्रव्यवती नदी पार करते समय एक 10 वर्षीय बालक की मौत का मामला उठाते हुए, अधूरे कार्य के कारण हर दिन दुर्घटना होने का अंदेशा जताया.

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आपको बता दें कि डेहलावास ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 125 एमएलडी की है और सीवरेज का 200 एमएलडी गंदा पानी यहां आ रहा है, जिससे 75 एमएलडी गंदा पानी बिना ट्रीट किए नदी में छोड़ा जा रहा है. ऐसे में गंदे पानी से प्रताप नगर, जगतपुरा, विधानी, जयसिंहपुरा, गोनेर, सालगरामपुरा सहित अन्य गांव में सब्जियां उगाई जा रही है और यही सब्जियां जयपुर वासी खाने को मजबूर हैं, जिससे जयपुरवासी अनेक खतरनाक बीमारियों से ग्रसित होने की ओर बढ़ रहे हैं.

जयपुर. चार साल पहले अमानीशाह नाले को दोबारा द्रव्यवती नदी बनने का सफर शुरू हुआ. लेकिन ये सफर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. आलम ये है कि सीवरेज के पानी को ट्रीटेड करके नदी में डालने का काम तो दूर की बात, अब नदी की स्थिति नाले से भी बदतर होती जा रही है.

द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को पूरा करने की उठाई मांग

देखरेख के अभाव में शहर की सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है. 47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में कुल 5 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. लेकिन आज तक एसटीपी प्लांट से नालों को जोड़ने का काम पूरा नहीं हो पाया है. नदी में आज भी सीवरेज का गंदा पानी आ रहा है. इसे लेकर अब जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

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बोहरा ने नगर निगम और जेडीए के बीच फंसे 1400 करोड़ रुपये द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट पर लगे ग्रहण को दूर कर जयपुर वासियों को राहत देने की मांग की है. सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने बजट में 150 करोड़ खर्च करने की घोषणा की थी, जिससे फेल पड़े एसटीपी को अपग्रेड करके 17 एमएलडी का नया संयंत्र लगाया जाना था. लेकिन 1 साल बाद भी घोषणा पूर्ण नहीं होने से जयपुर वासी जहरीली सब्जियां खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि जेडीए और नगर निगम के आपसी विवाद में जयपुर की आम जनता पिस रही है. उन्होंने द्रव्यवती नदी पार करते समय एक 10 वर्षीय बालक की मौत का मामला उठाते हुए, अधूरे कार्य के कारण हर दिन दुर्घटना होने का अंदेशा जताया.

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आपको बता दें कि डेहलावास ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 125 एमएलडी की है और सीवरेज का 200 एमएलडी गंदा पानी यहां आ रहा है, जिससे 75 एमएलडी गंदा पानी बिना ट्रीट किए नदी में छोड़ा जा रहा है. ऐसे में गंदे पानी से प्रताप नगर, जगतपुरा, विधानी, जयसिंहपुरा, गोनेर, सालगरामपुरा सहित अन्य गांव में सब्जियां उगाई जा रही है और यही सब्जियां जयपुर वासी खाने को मजबूर हैं, जिससे जयपुरवासी अनेक खतरनाक बीमारियों से ग्रसित होने की ओर बढ़ रहे हैं.

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