जयपुर. परिवहन विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए लोगों को सहूलियत देने के लिए परिवहन आयुक्त रवि जैन लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी के अंतर्गत परिवहन विभाग में बुधवार को पोस मशीन को लेकर SBI बैंक के प्रतिनिधि और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच में MOU किया गया. वहीं एसबीआई की ओर से तहत 500 पोस मशीन भी परिवहन विभाग को दी गई.
परिवहन आयुक्त रवि जैन के द्वारा विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए काफी काम किए जा रहे हैं. परिवहन विभाग को डिजिटल इंडिया के तहत हाईटेक और ऑनलाइन बनाने के लिए भी काफी कार्य किए गए हैं. जहां पहले आयुक्त रवि जैन के द्वारा टीसीसी जारी करने के लिए ऑनलाइन कार्य किया गया था. वहीं अब परिवहन निरीक्षकों को भी कार्य आसान बनाने के लिए प्रयास किया गया है. इसी के बाद अब परिवहन विभाग के द्वारा नए मोटर व्हीकल एक्ट (New motor vehicle act) के यह जुर्माना वसूलने के लिए परिवहन निरीक्षकों आज 500 पोस मशीनें परिवहन विभाग के द्वारा भी दी गई है. इस दौरान अब परिवहन निरीक्षक भी ट्रैफिक पुलिस की तर्ज पर ऑनलाइन भारी वाहनों के चालान कर सकेंगे.
यह मशीनें बुधवार को परिवहन निरीक्षकों को परिवहन विभाग में आयोजित हुए कार्यक्रम में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के द्वारा दी गई है. कार्यक्रम के दौरान पहले SBI और परिवहन विभाग के बीच मशीन को लेकर एमओयू किया गया. जिसमें एसबीआई ने परिवहन को पांच सौ पांच मशीनें निशुल्क उपलब्ध कराई है. इन मशीनों में परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर को चालान काटने में काफी सहूलियत भी मिलेगी.
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इस दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Rajasthan transport minister Pratap Singh Khachariyawas)ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में ऑनलाइन चालान के जरिए कैश कलेक्शन में आसानी होगी. साथ ही इससे चालान में भी पारदर्शिता आएगी. इसी के साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के द्वारा भी दिशा निर्देश दिए गए.
परिवहन मंत्री ने कहा-इससे मिलेगी राजस्व में बढोतरी
प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान पूरे देश में पहला राज्य बनेगा कि जो पोस मशीन से चालान करेगा. परिवहन मंत्री ने कहा कि पोस मशीन से चालान करने से अब विभाग में पारदर्शिता भी बढ़ेगी.
साथ ही परिवहन के अधिकारियों को भी राहत मिलेगी तो आमजन को भी इससे काफी राहत मिलेगी. सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इसके साथ ही विभाग के अंतर्गत चल रहा भ्रष्टाचार भी ऑनलाइन होने की वजह से खत्म हो जाएगा.