जयपुर. प्रदेश में लाइसेंस बनवाने वाले सालाना 5 लाख लोगों को परिवहन विभाग की ओर से राहत देने की तैयारी की जा रही है. परिवहन विभाग अब आवेदकों को घर बैठे लर्निंग लाइसेंस देने की तैयारी कर रहा है. इस प्रोजेक्ट पर विभागीय स्तर पर तैयारी भी पुरी हो चुकी है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद इसे प्रदेश में लागू भी कर दिया जाएगा. पूरी प्रक्रिया के लिए सॉफ्टवेयर में संशोधन भी किया जाएगा. फिर यहां से लर्निंग लाइसेंस में पूछे जाने वाले प्रश्न आवेदक के पास भेजा जाएगा.
वहीं इसके लिए आवेदक लिंक के जरिए टेस्ट देगा. इसके बाद पास होने के बाद लर्निंग लाइसेंस आवेदक को ऑनलाइन भेज दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को शुरू होने के बाद आवेदकों को घर बैठे ही लाइसेंस मिलेगा और भीड़-भाड़ में आरटीओ कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगा. हालांकि मोटर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन के द्वारा लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा है. ऑल इंडिया मोटर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश शर्मा ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने की बात ऑनलाइन की जा रही है, यह सही नहीं है.
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शर्मा ने कहा कि यदि कोई लर्निंग लाइसेंस लेकर सड़क पर जाता है और उसे वाहन चलाना नहीं आता है, तो खुद के साथ दूसरों की जान को भी खतरा खतरा में डालेगा. ऐसे में इन्हें यह व्यवस्था लागू नहीं करनी चाहिए. लर्निंग लाइसेंस चालकों को पहले ट्रैफिक नियम की जानकारी होना चाहिए और उसके बाद ही उसे लर्निंग लाइसेंस जारी किए जाने चाहिए. उन्होंने बताया कि मोटर ड्राइविंग स्कूल के द्वारा वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक नियमों की पालना की जानकारी दी जाती है. यदि यह व्यवस्था ऑनलाइन हो जाती है, तो ई-मित्र पर जाकर आमजन आसानी से लर्निंग लाइसेंस बनवा सकेंगे, जिससे प्रदेश के अंतर्गत सड़क हादसों में बढ़ोतरी हो सकता है.