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वैलेंटाइन डे पर जयपुर में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा - पाश्चात्य संस्कृति

वैलेंटाइन डे को पाश्चात्य संस्कृति के फूहड़ त्योहार बताते हुए छोटी काशी के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा. सुबह 11 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और 21 बच्चे माता-पिता के चरण धोकर, दुपट्टा और माला पहनाकर तिलक लगा मोली बांध मुंह मीठा करवाकर आशीर्वाद लेंगे.

Jaipur news, Mother-father worship day
वैलेंटाइन डे पर जयपुर में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा
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Published : Feb 13, 2021, 9:17 PM IST

जयपुर. वैलेंटाइन डे को पाश्चात्य संस्कृति के फूहड़ त्योहार बताते हुए छोटी काशी के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा. भारतीय संस्कृति से परिचित करवाने और पाश्चात्य संस्कृति से भटकते बच्चो को बचाने के लिए ठिकाना ठाकुरजी के दरबार में 21 बच्चे अपने माता-पिता के चरण धोकर पुष्प अर्पित करेंगे.

गोविंददेव जी के मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि, मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा. जहां सुबह 11 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और 21 बच्चे माता-पिता के चरण धोकर, दुपट्टा और माला पहनाकर तिलक लगा मोली बांध मुंह मीठा करवाकर आशीर्वाद लेंगे. कार्यक्रम में सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया और प्रबंधक मानस गोस्वामी भी अपने माता-पिता का पूजन करेंगे.

यह भी पढ़ें- खाचरियावास का भाजपा पर पलटवार, कहा- राहुल गांधी के दौरे से भाजपा जयपुर से लेकर दिल्ली तक हिल चुकी है

मातृ-पितृ पूजन दिवस कार्यक्रम में 21 भाइयों की बहनों द्वारा गणेश वंदना की प्रस्तुति दी जाएगी. दरअसल धीरे-धीरे माता-पिता से दूर हो रहे बच्चों को उनसे जोड़े रखना है. आज देश में वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ती जा रही है. इसका मुख्य कारण ये कि युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ रही है. ऐसे में युवा 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाते हैं और इसको हिन्दू संगठन गलत राह बताते हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देना है.

जयपुर. वैलेंटाइन डे को पाश्चात्य संस्कृति के फूहड़ त्योहार बताते हुए छोटी काशी के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा. भारतीय संस्कृति से परिचित करवाने और पाश्चात्य संस्कृति से भटकते बच्चो को बचाने के लिए ठिकाना ठाकुरजी के दरबार में 21 बच्चे अपने माता-पिता के चरण धोकर पुष्प अर्पित करेंगे.

गोविंददेव जी के मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि, मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाएगा. जहां सुबह 11 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और 21 बच्चे माता-पिता के चरण धोकर, दुपट्टा और माला पहनाकर तिलक लगा मोली बांध मुंह मीठा करवाकर आशीर्वाद लेंगे. कार्यक्रम में सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया और प्रबंधक मानस गोस्वामी भी अपने माता-पिता का पूजन करेंगे.

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मातृ-पितृ पूजन दिवस कार्यक्रम में 21 भाइयों की बहनों द्वारा गणेश वंदना की प्रस्तुति दी जाएगी. दरअसल धीरे-धीरे माता-पिता से दूर हो रहे बच्चों को उनसे जोड़े रखना है. आज देश में वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ती जा रही है. इसका मुख्य कारण ये कि युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ रही है. ऐसे में युवा 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाते हैं और इसको हिन्दू संगठन गलत राह बताते हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देना है.

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