जयपुर. राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण के चलते हर दिन स्थिति भयावह बनती जा रही है. इसके बाद चिकित्सा विभाग ने अधिक से अधिक सैंपल उठाने के निर्देश जारी किए हैं ताकि संक्रमित मरीजों की पहचान की जा सके. आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में औसतन 50 हजार से अधिक सैंपल हर दिन चिकित्सा विभाग की ओर से उठाए जा रहे हैं.
पढ़ेंः Special: कोरोना के झटके से कितना उबरा ऑटो सेक्टर, FADA की रिपोर्ट में खुलासा
चिकित्सा विभाग ने खासकर ऐसे स्थानों पर फोकस किया है यहां संक्रमण के सबसे अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं और जयपुर में वैशाली नगर, मानसरोवर, अजमेर रोड, सोडाला, मालवीय नगर जैसे क्षेत्रों में सबसे अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. जिसके बाद इन क्षेत्रों में सैंपलिंग का काम चिकित्सा विभाग की टीमों ने बढ़ा दिया है.
राजस्थान की बात की जाए तो मौजूदा समय में निजी और सरकारी क्षेत्र की 67 लैब कोरोना जांच के लिए अधिकृत की गई है. इनमें से जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज को भी शामिल किया गया है.
मामले को लेकर राजस्थान के निदेशक जनस्वास्थ्य डॉक्टर के के शर्मा का कहना है कि बीते कुछ समय से संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिली है, लेकिन इसी बीच सैंपल से जुड़ा काम भी तेज कर दिया गया है ताकि संक्रमित मरीजों को जल्दी से जल्दी ट्रेस किया जा सके. इसके अलावा जिन क्षेत्रों में अधिक मरीज सामने आ रहे हैं वहां माइक्रो कंटेंटमेंट जोन भी बनाए गए है.
इन स्थानों पर जांच की सुविधाः
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में कोविड-19 जांच के लिए मेडिकल कॉलेज जिला चिकित्सालय और निजी लैब को अधिकृत किया गया है जिनकी कुल संख्या 67 है.
सरकारी मेडिकल कॉलेज की बात की जाए तो जयपुर का एसएमएस मेडिकल कॉलेज और आर यू एच एस अस्पताल में जांच की सुविधा है. इसके अलावा अजमेर, कोटा, बीकानेर, झालावाड़, जोधपुर, भरतपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, पाली, डूंगरपुर, बाड़मेर, सीकर और चूरू मेडिकल कॉलेज में भी जांच की सुविधा उपलब्ध है.
पढ़ेंः Special: जिंदगी की जंग में जीत की मिसाल हैं अजमेर के 'जयंत', 6 बार कैंसर को दे चुके हैं मात
इसके अलावा जिला चिकित्सालय में भी कोविड-19 संक्रमण की जांच की जा रही है. जिसमें झुंझुनू, सिरोही, जालोर, बांसवाड़ा, नागौर, श्रीगंगानगर, अलवर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, जैसलमेर, हनुमानगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, धौलपुर, बूंदी, बारां, टोंक, दौसा, करौली, केकड़ी और कोटपूतली जिला चिकित्सालय शामिल हैं.
निजी मेडिकल कॉलेज की बात की जाए तो जयपुर में एमजीएमसी ,जेएनयू और निम्स मेडिकल कॉलेज में जांच की सुविधा उपलब्ध है. वहीं, उदयपुर की पेसिफिक इंस्टिट्यूट अमेरिकन इंटरनेशनल, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, अनंता राजसमंद में जांच की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा जयपुर और जोधपुर में कुछ निजी लैब को भी जांच के लिए अधिकृत किया गया है.
संसाधनों की नहीं कमीः
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि जैसे ही प्रदेश में संक्रमण के मामले बढ़े हैं उसी के साथ चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड़ पर आ गया है. ऐसे में सभी जांच केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में हेल्थ वर्कर तैनात किए हैं और फिलहाल विभाग के पास ना तो बजट की कमी है और ना ही इंस्ट्रूमेंट की कमी है और औसतन हर दिन 50,000 से अधिक सैंपल उठाए जा रहे हैं.
पढ़ेंः SPECIAL : बुनियादी शिक्षा पर कोरोना का वज्रपात जारी...कैसे होगा बच्चों का बौद्धिक विकास
हालांकि 1 महीने पहले की बात की जाए तो प्रदेश में औसतन 17 हजार के करीब सैंपल उठाए जा रहे थे, लेकिन मामले बढ़ने के बाद राज्य सरकार की ओर से सैम्पलिंग का काम बढ़ाने के निर्देश चिकित्सा विभाग को दिया गया.
ट्रेसिंग का कर रहे कामः
वहीं, मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जयपुर के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. ऐसे में जो लोग पॉजिटिव आ रहे हैं उनके संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार करके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर होम क्वॉरेंटाइन और अस्पताल में भी भर्ती किया जा रहा है.