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कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूती से लड़ रहा है राजस्थान, प्रतिदिन लिए जा रहे हैं 30 हजार से अधिक सैंपल

राजस्थान में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 60 हजार के पार पहुंच गया है. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने दावा किया है कि राज्य में प्रतिदिन 30 हजार से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग की जा रही है. साथ ही उनका कहना है कि प्रदेश में लगभग 5.50 लाख टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं.

Corona Testing in Rajasthan,  Rajasthan corona update
प्रदेश में 30 हजार से अधिक कोरोना टेस्टिंग रोज
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Published : Aug 16, 2020, 10:19 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ बढ़ कर 60 हजार से ऊपर पहुंच चुका है और चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि प्रदेश में 30 हजार से अधिक टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं और प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग किट की कमी भी नहीं है.

प्रदेश में 30 हजार से अधिक कोरोना टेस्टिंग रोज

प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग किट की बात करें तो चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि विभाग के पास पर्याप्त रूप से टेस्टिंग किट उपलब्ध है. कोरोना के शुरुआती दौर में प्रदेश में किसी तरह की टेस्टिंग किट की उपलब्धता नहीं थी और महज 2 से 3 हजार टेस्ट ही प्रदेश में किए जा रहे थे, लेकिन बीते कुछ समय में चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाया है और करीब 30 हजार से अधिक कोविड-19 टेस्ट प्रदेश में किए जा रहे हैं.

5 लाख से अधिक किट उपलब्धः रघु शर्मा

मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि चिकित्सा विभाग के पास कोविड-19 टेस्टिंग किट की कमी नहीं है. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 5 लाख 50 हजार किट चिकित्सा विभाग के पास उपलब्ध है. ऐसे में यदि किट की कमी भी पड़ती है तो चिकित्सा विभाग की ओर से समय पर इनकी खरीद की जा रही है.

पढ़ें- SPECIAL : चाय का ठेला लगाने वाले याकूब भाटी खुद के खर्चे से कर रहे हैं शहर को सैनिटाइज

रघु शर्मा ने बताया कि इसके अलावा चिकित्सा विभाग के पास पीपीई किट, फेस मास्क और N-95 मास्क से लेकर सभी तरह के किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. मंत्री ने यह भी बताया कि कोविड-19 टेस्टिंग किट की सप्लाई हर जिले में बराबर रूप से की जा रही है.

होम क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था

वहीं, अब चिकित्सा विभाग की ओर से एसिंप्टोमेटिक कोविड-19 मरीजों को घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. मामले को लेकर चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों को सरकार की ओर से मिली गाइडलाइन के अनुसार घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इस दौरान उनके स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी चिकित्सा विभाग रख रहा है.

पढ़ें- SPECIAL : लॉकडाउन नियमों को लेकर जनता में अब भी भ्रम, जागरूकता की है आवश्यकता

चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि इस दौरान एक पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर मरीज को रखने की सलाह चिकित्सा विभाग की ओर से दी जा रही है. उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर मरीज के परिजनों की ओर से ही खरीदी जा रही है. इसके अलावा होम क्वॉरेंटाइन के दौरान अन्य कोई किट उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा और ना ही चिकित्सा विभाग किसी तरह का कोई किट खरीदने की सलाह देता है.

अन्य किट की नहीं है आवश्यकता

डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीज को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर के अलावा अन्य किसी उपकरण या दवाई की आवश्यकता नहीं होती है. यदि मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो परिजनों की ओर से सूचित किए जाने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ बढ़ कर 60 हजार से ऊपर पहुंच चुका है और चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि प्रदेश में 30 हजार से अधिक टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं और प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग किट की कमी भी नहीं है.

प्रदेश में 30 हजार से अधिक कोरोना टेस्टिंग रोज

प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग किट की बात करें तो चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि विभाग के पास पर्याप्त रूप से टेस्टिंग किट उपलब्ध है. कोरोना के शुरुआती दौर में प्रदेश में किसी तरह की टेस्टिंग किट की उपलब्धता नहीं थी और महज 2 से 3 हजार टेस्ट ही प्रदेश में किए जा रहे थे, लेकिन बीते कुछ समय में चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाया है और करीब 30 हजार से अधिक कोविड-19 टेस्ट प्रदेश में किए जा रहे हैं.

5 लाख से अधिक किट उपलब्धः रघु शर्मा

मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि चिकित्सा विभाग के पास कोविड-19 टेस्टिंग किट की कमी नहीं है. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 5 लाख 50 हजार किट चिकित्सा विभाग के पास उपलब्ध है. ऐसे में यदि किट की कमी भी पड़ती है तो चिकित्सा विभाग की ओर से समय पर इनकी खरीद की जा रही है.

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रघु शर्मा ने बताया कि इसके अलावा चिकित्सा विभाग के पास पीपीई किट, फेस मास्क और N-95 मास्क से लेकर सभी तरह के किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. मंत्री ने यह भी बताया कि कोविड-19 टेस्टिंग किट की सप्लाई हर जिले में बराबर रूप से की जा रही है.

होम क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था

वहीं, अब चिकित्सा विभाग की ओर से एसिंप्टोमेटिक कोविड-19 मरीजों को घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. मामले को लेकर चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों को सरकार की ओर से मिली गाइडलाइन के अनुसार घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इस दौरान उनके स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी चिकित्सा विभाग रख रहा है.

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चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि इस दौरान एक पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर मरीज को रखने की सलाह चिकित्सा विभाग की ओर से दी जा रही है. उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर मरीज के परिजनों की ओर से ही खरीदी जा रही है. इसके अलावा होम क्वॉरेंटाइन के दौरान अन्य कोई किट उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा और ना ही चिकित्सा विभाग किसी तरह का कोई किट खरीदने की सलाह देता है.

अन्य किट की नहीं है आवश्यकता

डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीज को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर के अलावा अन्य किसी उपकरण या दवाई की आवश्यकता नहीं होती है. यदि मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो परिजनों की ओर से सूचित किए जाने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है.

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