जयपुर. श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के बाद आज से अश्विनी अधिकमास का प्रारंभ हो चुका है. शास्त्रों में दान-पुण्य और भक्ति आराधना का इस माह में विशेष महत्व बताया गया है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से मंदिरों में धार्मिक आयोजन सीमित होंगे. वहीं, श्रीगलता पीठ में भी भक्त आस्था की डुबकी नहीं लगा पाएंगे.
हर तीन सालों में आने वाले अधिकमास में श्री गलता पीठ तीर्थ स्थल में स्नान के लिए हजारों की संख्या में भक्तों का तांता लगता है, जो इस बार बंद होने की वजह से कोई भी भक्त स्नान नहीं कर सकेगा. श्री गलता पीठ से युवराज स्वामी राघवेंद्रचार्य का कहना है कि कोरोना की वजह से गलताजी तीर्थ स्थल श्रदालुओं के लिए बंद है, जबकि हर बार अधिकमास में हजारों की संख्या में भक्त दान-पुण्य और पाठ करने यहां आते हैं.
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वहीं, गलता पीठ से जुड़े छोटी चौपड़ के मंदिरों में 151 पंडित एक साथ भागवत कथा का पाठ करते थे, जो इस बार नहीं होंगे. सभी भक्त घर पर रहकर नित्य श्रीमद् भागवत कथा का पाठ कर दान पूर्ण करेंगे. अधिकमास में गोविंद देव जी मंदिर में भागवत कथा का आयोजन होता है, जिनमें कथा सुनने के लिए हजारों की संख्या में भक्त उमड़ते हैं. इस साल भी अधिक मास में भागवत कथा का आयोजन 8 महीने पहले से ही बुक था, लेकिन कोरोना संकटकाल में कैंसिल कर दिया गया है. वहीं, नित्य ठाकुरजी की सेवा-पूजा और पंचामृत अभिषेक होगा.