जयपुर. राजस्थान में समय से 1 दिन पहले आए दक्षिण पश्चिम मानसून लगातार प्रदेश में सक्रिय होता जा रहा है. मानसून को प्रदेश में 25 जून को दस्तक देनी थी, लेकिन मानसून ने उससे 1 दिन पूर्व ही 24 जून को प्रदेश के अंदर दस्तक दे दी थी. जिसके बाद राजधानी सहित प्रदेश के कई इलाकों में शुक्रवार को सुबह से ही बारिश का दौर भी दर्ज किया जा रहा है.
बता दें कि 24 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून के लिए अनुकूल परिस्थिति बनी और मानसून ने दक्षिणी जिलों में दस्तक दे दी. उसके बाद 25 जून को एक बार फिर मानसून आगे बढ़ा और मानसून प्रदेश के जैसलमेर के 27 डिग्री उत्तर और 68 डिग्री पूर्व से ऊपर से गुजरते हुए नागौर अलवर होते हुए प्रदेश में फैलता गया.
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मौसम विभाग की मानें तो मानसून ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी भागों में दस्तक दे दी है और राजस्थान को पूरा होते हुए दक्षिण पश्चिम मानसून संपूर्ण भारत में भी दस्तक दे चुका है. इस प्रकार दक्षिण पश्चिम मानसून राजस्थान में 1 दिन पहले ही आ गया और कुल 3 दिनों में पूरे राज्य को कवर करता हुआ मानसून संपूर्ण राज्य में दस्तक दे चुका है.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2019 में मानसून आगमन की सामान्य तिथि 25 जून थी, लेकिन 2019 में मानसून ने 7 दिन देरी से दस्तक दी थी. समस्त राजस्थान को 2019 में मानसून ने 11 दिन की देरी से कवर किया था. वहीं, इस बार की बात की जाए तो इस बार मानसून ने 12 दिन पूर्व ही समस्त राजस्थान को कवर कर लिया है. अब प्रदेश भर में बारिश का दौर भी शुरू हो गया है.
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राजस्थान में मानसून शुरू होने के साथ ही किसानों के लिए उम्मीद की किरण खिल उठी है, क्योंकि इस समय खरीब की फसल के बुवाई का समय भी है. ऐसे में बारिश होने की वजह से किसानों के चेहरों पर भी उम्मीद की किरण देखी जा सकती है.
औसत से ज्यादा होगी प्रदेश में बारिश...
मौसम विभाग के निदेशक शिव गणेश ने बताया कि पूरे प्रदेश को मानसून ने कवर कर लिया है तो वहीं विभाग का मानना है कि इस बार प्रदेश में औसत से 7 फीसदी से ज्यादा भी बारिश दर्ज की जाएगी.