जयपुर. सचिवालय में आपात स्थिति की जांच के लिए शुक्रवार को प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल की गई. जहां कमरा नम्बर 2224 और तीसरी मंजिल की छत पर आग लगाई गई. घटना की सूचना पर सचिवालय में हड़कंप मच गया. जिसके बाद इमरजेंसी कॉल हुई और अग्निशमन से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहीं, आग पर काबू पाने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की खामियां सामने आईं.
दरअसल, जैसे ही आग बुझाने की बारी आई तो फायर इक्यूमेंट फेल हो गए. जबकि आग बुझाने के लिए कर्मचारी जो एक्सटिंगुशर लेकर आए वो खाली निकले तो वहीं आग बुझाने वाले हाईड्रेंट में भी पानी नहीं आया. इसके बाद सचिवालय रजिस्ट्रार और सुरक्षा अधिकारी इस बात को लेकर नाराज हुए. रजिस्ट्रार प्रेमनारायण सैन ने कहा कि सचिवालय की आपात स्थिति को जांचने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी. दो जगह पर आग लगाकर वायरलेस के जरिये आग की सूचना पहुंचाई गई.
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इसके बाद अग्निशमन कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए लोकेश को जल्दी ट्रैस कर लिया, लेकिन आग बुझाने के लिए जो इक्यूमेंट होने चाहिए, उनमे कुछ खामियां मिली हैं. इसके लिए संबंधित लोगों के खिलाफ करवाई की जाएगी. प्रेमनारायण ने कहा कि सचिवालय प्रशासन द्वारा इस तरह की मॉक ड्रिल समय-समय पर उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर की जाती है. शुक्रवार यानी 23 अगस्त को अवकाश का दिन होने के चलते ये करवाई की गई.
उन्होंने आगे कहा कि अग्निशमन की टीम अलर्ट तो हुई, लेकिन जैसे ही आग बुझाने की बारी आई तो फायर इक्यूमेंट फेल हो गए. वहीं, आग बुझाने के लिए कर्मचारी जो एक्सटिंगुशर लेकर आये वो खाली निकले. जबकि आग बुझाने वाले हाईड्रेंट में भी पानी नहीं आया, जो गंभीर बात है. इसकी जांच कराई जाएगी और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों की सौंपी जाएगी. कुछ भी हो लेकिन इस मॉक ड्रिल ने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए कि आखिर जहां पूरी सरकार रहती है, वहां ऐसी स्थिति का होना बड़ी बात है.