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जयपुर: सुरक्षा मापदंडों को जांचने के लिए मेट्रो स्टेशन पर की गई मॉक ड्रिल - जयपुर की खबर

भूमिगत मेट्रो की सुरंग में आपातकाल स्थिति से निकलने के लिए मॉक ड्रिल की गई. यहां ट्रेन के कोच में आग लगने पर मेट्रो पुलिस द्वारा 152 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने और भूमिगत मेट्रो स्टेशन पर आग लगने की स्थिति में स्टेशन से बाहर निकालने की मॉक ड्रिल की गई.

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मेट्रो ट्रेन और मेट्रो स्टेशन पर की गई मॉक ड्रिल
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Published : Mar 8, 2020, 12:17 PM IST

जयपुर. जयपुर मेट्रो फेज वन बी पार्ट का इसी महीने सेफ्टी सर्टिफिकेट विजिट होना है. इससे पहले यहां मॉक ड्रिल कर सुरक्षा के मापदंडों की जांच की गई. मॉक ड्रिल में ट्रेन ऑपरेटर ने यात्रियों को उद्घोषणा के माध्यम से आपातकाल स्थिति की जानकारी दी.

मेट्रो ट्रेन और मेट्रो स्टेशन पर की गई मॉक ड्रिल

बताया गया कि ट्रेन के पीछे वाले कोच में आग लग गई है. यात्री अपने बचाव के लिए सबसे आगे वाले कोच में आ जाएं और आगे वाले कोच के साथ लगे रैंप की सहायता से टनल में बने वॉकवे पर चलकर दूसरी टनल में जाने के लिए बने क्रॉस पैसेज का उपयोग कर, निकटतम छोटी चौपड़ स्टेशन प्लेटफार्म पर पहुंचे. इसमें कुल 15 मिनट का समय लगा. स्टेशन पर यात्रियों को संपूर्ण सहायता प्रदान की गई. साथ ही सभी 152 यात्रियों की गणना कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की. इस मॉक ड्रिल में कोई भी यात्री चोटिल नहीं हुआ.

यह भी पढ़ें- कोरोना पर पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश- हर समय रहें तैयार

मेट्रो सीएमडी ने बताया, कि जयपुर मेट्रो आपदा प्रबंधन नियमावली पुस्तिका में वर्णित दिशा-निर्देशों के तहत ये मॉक ड्रिल की गई. मेट्रो कर्मचारियों और मेट्रो पुलिस को आपात स्थिति से निपटने में निपुण करने के लिए आगे भी इसी तरह मॉक ड्रिल की जाती रहेंगी. भूमिगत मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर आग लगने की स्थिति में मेट्रो यात्रियों को स्टेशन से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की मॉक ड्रिल भी की गई. छोटी चौपड़ की मॉक ड्रिल में 5 मिनट, जबकि बड़ी चौपड़ की मॉक ड्रिल में 6 मिनट का समय लगा. जिसमें मेट्रो के अधिकारी कर्मचारियों के 152 सदस्यीय दल शामिल रहा.

जयपुर. जयपुर मेट्रो फेज वन बी पार्ट का इसी महीने सेफ्टी सर्टिफिकेट विजिट होना है. इससे पहले यहां मॉक ड्रिल कर सुरक्षा के मापदंडों की जांच की गई. मॉक ड्रिल में ट्रेन ऑपरेटर ने यात्रियों को उद्घोषणा के माध्यम से आपातकाल स्थिति की जानकारी दी.

मेट्रो ट्रेन और मेट्रो स्टेशन पर की गई मॉक ड्रिल

बताया गया कि ट्रेन के पीछे वाले कोच में आग लग गई है. यात्री अपने बचाव के लिए सबसे आगे वाले कोच में आ जाएं और आगे वाले कोच के साथ लगे रैंप की सहायता से टनल में बने वॉकवे पर चलकर दूसरी टनल में जाने के लिए बने क्रॉस पैसेज का उपयोग कर, निकटतम छोटी चौपड़ स्टेशन प्लेटफार्म पर पहुंचे. इसमें कुल 15 मिनट का समय लगा. स्टेशन पर यात्रियों को संपूर्ण सहायता प्रदान की गई. साथ ही सभी 152 यात्रियों की गणना कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की. इस मॉक ड्रिल में कोई भी यात्री चोटिल नहीं हुआ.

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मेट्रो सीएमडी ने बताया, कि जयपुर मेट्रो आपदा प्रबंधन नियमावली पुस्तिका में वर्णित दिशा-निर्देशों के तहत ये मॉक ड्रिल की गई. मेट्रो कर्मचारियों और मेट्रो पुलिस को आपात स्थिति से निपटने में निपुण करने के लिए आगे भी इसी तरह मॉक ड्रिल की जाती रहेंगी. भूमिगत मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर आग लगने की स्थिति में मेट्रो यात्रियों को स्टेशन से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की मॉक ड्रिल भी की गई. छोटी चौपड़ की मॉक ड्रिल में 5 मिनट, जबकि बड़ी चौपड़ की मॉक ड्रिल में 6 मिनट का समय लगा. जिसमें मेट्रो के अधिकारी कर्मचारियों के 152 सदस्यीय दल शामिल रहा.

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