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राजस्थान में चार दिन में बढ़े दस गुना मनरेगा श्रमिक, जायजा लेने पहुंचे सचिन पायलट

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार को मनरेगा कर्मियों लिए कार्यों की समीक्षा करने ग्राउंड रिपोर्ट लेने खुद पहुंचे. पायलट ने कार्यरत श्रमिकों से मनरेगा कार्यों को प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध में उनकी राय जानी. साथ ही लॉकडाउन की परिस्थिति में जहां अन्य आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद हैं. ऐसे में उनकी आजीविका के लिए मनरेगा कार्यों की उपयोगिता के बारे में उनसे जानकारी ली.

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राजस्थान में चार दिन में बढ़े दस गुना मनरेगा श्रमिक
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Published : Apr 22, 2020, 11:17 PM IST

जयपुर. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को पंचायत समिति चाकसू, ग्राम पंचायत कुम्हारियावास एवं तितरिया में मनरेगा के तहत चल रहे मॉडल तालाब निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. साथ ही व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. पायलट ने मनरेगा श्रमिकों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु मास्क का उपयोग करने, साबुन से बार-बार हाथ धोने तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना किये जाने संबंधी उपायों का जायजा लिया.

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श्रमिकों से बात करते सचिन पायलट

इस मौके पर उपस्थित मेट, सहायक अभियंता एवं विकास अधिकारी को निर्देश दिए. पायलट ने कहा कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट में साबुन की उपलब्धता तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये. पायलट ने कार्यरत श्रमिकों से मनरेगा कार्यों को प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध में उनकी राय जानी. साथ ही लॉकडाउन की परिस्थिति में जहां अन्य आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद हैं. ऐसे में उनकी आजीविका के लिए मनरेगा कार्यों की उपयोगिता के बारे में उनसे जानकारी ली.

श्रमिकों ने पायलट को बताया कि लॉकडाउन की स्थिति में मनरेगा कार्यों को प्रारम्भ किये जाने से उन्हें आर्थिक सम्बल मिला है. श्रमिकों ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में मनरेगा ही ग्रामीण क्षेत्रों में आय का प्रमुख स्त्रोत है. इस माह में 17 अप्रैल तक लॉकडाउन के कारण मात्र 62 हजार श्रमिक नियोजित हुए. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की उपयोगिता को दृष्टिगत् रखते हुए अधिकाधिक कार्य प्रारम्भ कर श्रमिकों के नियोजन पर जोर दिया गया. जिससे मात्र चार दिन में ही श्रमिकों का नियोजन 62 हजार से बढ़कर 6.08 लाख से भी अधिक हो गया है.

इस दौरान पायलट ने ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत काम मांगने हेतु लोगों को प्रेरित एवं जागरूक किया. साथ ही कहा कि श्रमिकों के नियोजन के अधिकतम लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास जारी है. मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में आवास निर्माण, केटलशेड निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण, खेतों की मेडबंदी व समतलीकरण आदि कार्य शामिल हैं.

पढ़ेंः राज्यपाल ने VC के जरिए अजमेर दरगाह के सैयद और खादिमों से की बात, कहा- रमजान माह में घरों में ही करें इबादत

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा सम्बल

प्रदेश में श्रमिकों के नियोजन हेतु इनको प्राथमिकता दी जायेगी. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी स्वतः ही पालना हो सकेगी. मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सम्बल मिलेगा. निरीक्षण के दौरान चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह, आयुक्त, मनरेगा पी.सी. किशन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् जयपुर श्रीमती भारती दीक्षित भी उपस्थित रहे.

बड़ी तादाद में गांव वाले पहुंच गए पायलट को देखने

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार को मनरेगा कर्मियों लिए कार्यों की समीक्षा करने ग्राउंड रिपोर्ट लेने खुद पहुंचे. उनके साथ अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन इस दौरान एक समय ऐसा भी नजारा देखने को मिला कि जब मनरेगा के काम कर रहे मजदूर तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे, लेकिन इस दौरान जब गांव वालों को पायलट के आने की सूचना मिली तो बड़ी तादाद में ग्रामीण भी वहां इकट्ठे हो गए.

पढ़ेंः जानिए किस कारण राजस्थान में रोकी गई रैपिड किट से जांच ?

हालांकि ग्रामीण पायलट के नजदीक तो नहीं आए. इस दौरान खुद पायलट दूर से इन ग्रामीणों को यह समझाते दिखाई दिए कि लोगों को कहीं भी भीड़ नहीं लगानी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी है, लेकिन ग्रामीणों पर उनकी बात का असर ज्यादा दिखाई नहीं दिया. जिसके चलते क्षेत्र के विधायक वेद सोलंकी और पुलिस को मिलकर ग्रामीणों को दूर ही रोकना पड़ा.

जयपुर. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को पंचायत समिति चाकसू, ग्राम पंचायत कुम्हारियावास एवं तितरिया में मनरेगा के तहत चल रहे मॉडल तालाब निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. साथ ही व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. पायलट ने मनरेगा श्रमिकों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु मास्क का उपयोग करने, साबुन से बार-बार हाथ धोने तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना किये जाने संबंधी उपायों का जायजा लिया.

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श्रमिकों से बात करते सचिन पायलट

इस मौके पर उपस्थित मेट, सहायक अभियंता एवं विकास अधिकारी को निर्देश दिए. पायलट ने कहा कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट में साबुन की उपलब्धता तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये. पायलट ने कार्यरत श्रमिकों से मनरेगा कार्यों को प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध में उनकी राय जानी. साथ ही लॉकडाउन की परिस्थिति में जहां अन्य आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद हैं. ऐसे में उनकी आजीविका के लिए मनरेगा कार्यों की उपयोगिता के बारे में उनसे जानकारी ली.

श्रमिकों ने पायलट को बताया कि लॉकडाउन की स्थिति में मनरेगा कार्यों को प्रारम्भ किये जाने से उन्हें आर्थिक सम्बल मिला है. श्रमिकों ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में मनरेगा ही ग्रामीण क्षेत्रों में आय का प्रमुख स्त्रोत है. इस माह में 17 अप्रैल तक लॉकडाउन के कारण मात्र 62 हजार श्रमिक नियोजित हुए. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की उपयोगिता को दृष्टिगत् रखते हुए अधिकाधिक कार्य प्रारम्भ कर श्रमिकों के नियोजन पर जोर दिया गया. जिससे मात्र चार दिन में ही श्रमिकों का नियोजन 62 हजार से बढ़कर 6.08 लाख से भी अधिक हो गया है.

इस दौरान पायलट ने ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत काम मांगने हेतु लोगों को प्रेरित एवं जागरूक किया. साथ ही कहा कि श्रमिकों के नियोजन के अधिकतम लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास जारी है. मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में आवास निर्माण, केटलशेड निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण, खेतों की मेडबंदी व समतलीकरण आदि कार्य शामिल हैं.

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा सम्बल

प्रदेश में श्रमिकों के नियोजन हेतु इनको प्राथमिकता दी जायेगी. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी स्वतः ही पालना हो सकेगी. मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सम्बल मिलेगा. निरीक्षण के दौरान चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह, आयुक्त, मनरेगा पी.सी. किशन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् जयपुर श्रीमती भारती दीक्षित भी उपस्थित रहे.

बड़ी तादाद में गांव वाले पहुंच गए पायलट को देखने

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार को मनरेगा कर्मियों लिए कार्यों की समीक्षा करने ग्राउंड रिपोर्ट लेने खुद पहुंचे. उनके साथ अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन इस दौरान एक समय ऐसा भी नजारा देखने को मिला कि जब मनरेगा के काम कर रहे मजदूर तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे, लेकिन इस दौरान जब गांव वालों को पायलट के आने की सूचना मिली तो बड़ी तादाद में ग्रामीण भी वहां इकट्ठे हो गए.

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हालांकि ग्रामीण पायलट के नजदीक तो नहीं आए. इस दौरान खुद पायलट दूर से इन ग्रामीणों को यह समझाते दिखाई दिए कि लोगों को कहीं भी भीड़ नहीं लगानी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी है, लेकिन ग्रामीणों पर उनकी बात का असर ज्यादा दिखाई नहीं दिया. जिसके चलते क्षेत्र के विधायक वेद सोलंकी और पुलिस को मिलकर ग्रामीणों को दूर ही रोकना पड़ा.

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