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प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के संकेत, संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा- सर्वोच्च संस्था के जरिए हाथी को लटकाने का इरादा

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से उठापटक के संकेत विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट करके दे दिए हैं. लोढ़ा ने ट्वीट के जरिए संकेत दिए हैं कि सर्वोच्च संस्था के जरिए हाथी को लटकाने का इरादा है. इस पर जानकारों का कहना है कि लोढ़ा के ट्वीट से यही संकेत मिलते हैं कि सर्वोच्च संस्था यानी सुप्रीम कोर्ट और हाथी यानी बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों को कोर्ट से बसपा से कांग्रेस में आने के निर्णय को बदला जा सकता है.

प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के संकेत, political crisis in Rajasthan
प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के संकेत
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Published : Apr 24, 2021, 2:16 PM IST

जयपुर. देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है. राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है. सरकार चाहे ऑक्सीजन की कमी हो, दवाओं की कमी हो या बेड की व्यवस्था हो, हर काम के लिए जूझती दिखाई दे रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच आज एक बार फिर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान में राजनीतिक उठापटक होने के संकेत दिए हैं. अपने ट्वीट के जरिए उन्होंने जो संकेत दिए हैं उससे यह बताने की कोशिश की है कि पहले सर्वोच्च संस्था के जरिए हाथी को लटकाने का इरादा है.

जानकारों की मानें तो इन शब्दों के जरिए उन्होंने यह कहने का प्रयास किया है की सर्वोच्च संस्था यानी सुप्रीम कोर्ट और हाथी यानी बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों को कोर्ट से बसपा से कांग्रेस में आने के निर्णय को बदला जा सकता है. यानी कि कांग्रेस में आने कि बसपा के विधायकों की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में सितंबर तक का समय लगने की बात कही है, यानी कि संयम लोढ़ा ने संकेत दिए हैं कि सितंबर महीने में राजस्थान में एक बार फिर राजनीतिक उठापटक हो सकती है.

यह भी पढ़ेंः अलवर में डराने लगे कोरोना के आंकड़े...सख्ती के साथ नई गाइडलाइन जारी

दरअसल बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस पार्टी में विलय को बसपा ने चुनौती दी है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी 6 विधायकों को नोटिस भी जारी कर दिए हैं, लेकिन 6 में से तीन विधायक नोटिस नहीं ले रहे हैं. ऐसे में कोर्ट ने यह भी कह दिया है कि अगर वह अगली सुनवाई पर कोर्ट में नहीं आते हैं तो उनके बिना भी इस मामले में सुनवाई आगे बढ़ सकती है और अगर ऐसा हुआ तो ऐसी स्थिति में फैसला बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के खिलाफ जा सकता है, जिससे राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या पर असर पड़ सकता है. अब यही सुगबुगाहट राजनीतिक हलकों में है और इसी का संकेत संयम लोढ़ा ने भी अपने ट्वीट के जरिए दिया है.

जयपुर. देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है. राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है. सरकार चाहे ऑक्सीजन की कमी हो, दवाओं की कमी हो या बेड की व्यवस्था हो, हर काम के लिए जूझती दिखाई दे रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच आज एक बार फिर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान में राजनीतिक उठापटक होने के संकेत दिए हैं. अपने ट्वीट के जरिए उन्होंने जो संकेत दिए हैं उससे यह बताने की कोशिश की है कि पहले सर्वोच्च संस्था के जरिए हाथी को लटकाने का इरादा है.

जानकारों की मानें तो इन शब्दों के जरिए उन्होंने यह कहने का प्रयास किया है की सर्वोच्च संस्था यानी सुप्रीम कोर्ट और हाथी यानी बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों को कोर्ट से बसपा से कांग्रेस में आने के निर्णय को बदला जा सकता है. यानी कि कांग्रेस में आने कि बसपा के विधायकों की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में सितंबर तक का समय लगने की बात कही है, यानी कि संयम लोढ़ा ने संकेत दिए हैं कि सितंबर महीने में राजस्थान में एक बार फिर राजनीतिक उठापटक हो सकती है.

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दरअसल बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस पार्टी में विलय को बसपा ने चुनौती दी है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी 6 विधायकों को नोटिस भी जारी कर दिए हैं, लेकिन 6 में से तीन विधायक नोटिस नहीं ले रहे हैं. ऐसे में कोर्ट ने यह भी कह दिया है कि अगर वह अगली सुनवाई पर कोर्ट में नहीं आते हैं तो उनके बिना भी इस मामले में सुनवाई आगे बढ़ सकती है और अगर ऐसा हुआ तो ऐसी स्थिति में फैसला बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के खिलाफ जा सकता है, जिससे राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या पर असर पड़ सकता है. अब यही सुगबुगाहट राजनीतिक हलकों में है और इसी का संकेत संयम लोढ़ा ने भी अपने ट्वीट के जरिए दिया है.

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