जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल में सुलभ आवास योजना के लाभार्थियों और सिलिकोसिस से प्रभावित श्रमिकों की संख्या का सवाल लगा तो मंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित श्रमिकों का विवरण विभाग में संधारण नहीं किया गया है. वहीं, अब तक सिलिकोसिस और अन्य बीमारियों से पंजीकृत को 2536 मृतक अश्रितों को मुआवजा दिया गया है.
इस पर विधायक पानाचंद ने कहा कि निर्माण श्रमिकों का वही पर कैम्प लगाकर तत्काल श्रमिक कार्ड क्यों नहीं बनाए जाते है. प्रदेश में बड़ी तादात में खान श्रमिक है और पत्थर तोड़ने वालों को सिलिकोसिस बीमारी होती है. ऐसे में हम उनके मरने पर तो मुआवजा देते है. लेकिन पहले उनका श्रमिक कार्ड नहीं बनाते हैं.
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इस पर जवाब देते हुए मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि अभी विभाग सिलिकोसिस के मरीजों का रिकॉर्ड इकट्ठा नहीं करते है. इस बात पर स्पीकर सीपी जोशी ने भी मंत्री टीकाराम जूली से कहा कि जब सरकार ने सिलिकोसिस नीति बनाई तो रिकॉर्ड संधारण करने में क्या दिक्कत है. विभाग ये क्यों नहीं कर सकता कि जब मरीज अस्पताल में जाता है तो उसका रिकॉर्ड ले लिया जाए. जिससे उसी समय उसे एड्रेस किया जाए. ना कि इसका इंतजार करे कि मरीज हमारे पास आए.
इस पर सकपकाये मंत्री ने कहा कि प्रदेश ने सिलिकोसिस नीति का काम अभी चल रहा है और कई प्रावधान में बदलाव भी किया है. अगर नीति में संधारण का काम होगा तो करेंगे. इस पर स्पीकर ने कहा कि क्या विभाग खान से जुड़े श्रमिक जो राजस्थान में सबसे ज्यादा काम कर रहे हैं, उनका सर्वे करवाएगा. जिससे सिलिकोसिस के साथ ही अन्य बीमारियों का ध्यान रख सके.