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स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस का नहीं दिया विधायकों ने जवाब, जा सकती है सदस्यता

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Published : Jul 16, 2020, 2:45 PM IST

प्रदेश के सियासी संग्राम के बीच विधायकों ने अभी तक उस नोटिस का जवाब नहीं दिया है जो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिया गया था. जानकारी के अनुसार अगर स्पीकर सीपी जोशी को 17 जुलाई तक जवाब नहीं दिया तो विधायकों की मुश्किलें बढ़ सकती है. यहां तक की विधायकों की सदस्यता भी जा सकती है.

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विधायकों ने अब तक नहीं दिया नोटिस का जवाब

जयपुर. प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. जिसके तहत सचिन पायलट और उनके सहयोगी 18 विधायकों ने होटल में डेरा डाल रखा है. जिन्हें राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से अब नोटिस भी जारी कर दिया गया है.

विधायकों ने अब तक नहीं दिया नोटिस का जवाब

हालांकि कहा जा रहा है कि इस मामले को कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा, लेकिन जानकारों की माने तो जब तक स्पीकर कोई फैसला नहीं सुना देते हैं तब तक कोर्ट इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन एक बार जब स्पीकर का निर्णय आ जाएगा तो उसके बाद निश्चित तौर पर यह तमाम विधायक कोर्ट का रुख करेंगे. इसका मतलब साफ है कि अगर शुक्रवार 17 जुलाई को 1 बजे तक अगर यह 19 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश नहीं हुए और अपना पक्ष नहीं रखा तो इन तमाम19 विधायकों की सदस्यता जाना लगभग तय है. हालांकि कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि 19 में से कुछ विधायक लौट आएंगे.

पढ़ेंः सोनिया गांधी की तरह पद त्याग कर सियासी लड़ाई खत्म क्यों नहीं कर देते CM गहलोत : विधायक मुरारीलाल मीणा

उधर यह भी कहा जा रहा है कि जो 19 विधायक मानेसर के होटल में रुके हुए हैं उनमें से किसी विधायक के करीबी परिजनों की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी लगाई जा सकती है, यानी कि कहा जा सकता है कि जो विधायक बाहर है उनको जबरन रखा जा रहा है. हालांकि अभी इस तरीके की कोई याचिका सामने नहीं आई है ना ही किसी तरह की FIR दर्ज करवाई गई है.

जयपुर. प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. जिसके तहत सचिन पायलट और उनके सहयोगी 18 विधायकों ने होटल में डेरा डाल रखा है. जिन्हें राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से अब नोटिस भी जारी कर दिया गया है.

विधायकों ने अब तक नहीं दिया नोटिस का जवाब

हालांकि कहा जा रहा है कि इस मामले को कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा, लेकिन जानकारों की माने तो जब तक स्पीकर कोई फैसला नहीं सुना देते हैं तब तक कोर्ट इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन एक बार जब स्पीकर का निर्णय आ जाएगा तो उसके बाद निश्चित तौर पर यह तमाम विधायक कोर्ट का रुख करेंगे. इसका मतलब साफ है कि अगर शुक्रवार 17 जुलाई को 1 बजे तक अगर यह 19 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश नहीं हुए और अपना पक्ष नहीं रखा तो इन तमाम19 विधायकों की सदस्यता जाना लगभग तय है. हालांकि कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि 19 में से कुछ विधायक लौट आएंगे.

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उधर यह भी कहा जा रहा है कि जो 19 विधायक मानेसर के होटल में रुके हुए हैं उनमें से किसी विधायक के करीबी परिजनों की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी लगाई जा सकती है, यानी कि कहा जा सकता है कि जो विधायक बाहर है उनको जबरन रखा जा रहा है. हालांकि अभी इस तरीके की कोई याचिका सामने नहीं आई है ना ही किसी तरह की FIR दर्ज करवाई गई है.

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