जयपुर. बसपा सुप्रीमो मायावती अगर किसी सरकार से सबसे ज्यादा नाराज हैं तो वह है राजस्थान की गहलोत सरकार. इसके पीछे कारण है कि बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. ऐसा एक बार नहीं बल्कि दो बार हुआ है जबकि छह विधायकों का कांग्रेस पार्टी में विलय हुआ हो. बहरहाल इस घटना को अब लंबा समय हो चुका है, लेकिन बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों का मायावती से मोह फिर दिखाई देने लगा है. विधायक जोगिंदर अवाना ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र (Joginder Awana wrote letter to Sonia Gandhi) लिख मायावती को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है.
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक जोगिंदर अवाना ने अपने पत्र में लिखा कि मायावती बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जो 1989 में बिजनौर से सांसद, 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य और 1995 में उत्तर प्रदेश की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मायावती 4 बार उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री रहीं और अपने कुशल नेतृत्व से पूरे भारत के दलित समाज को एक सूत्र में बांधकर रखा, विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में दलित समाज को एकत्रित कर कई विधायक, सांसद निर्वाचित करवाए.
ऐसे में अगर मायावती को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो पूरे भारत का दलित समाज पार्टी का ऋणी रहेगा. दलित समाज कांग्रेस पार्टी का स्थाई मतदाता रहा है जो मायावती को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करने पर हमेशा कांग्रेस के पक्ष में रहकर भविष्य में कांग्रेस को मजबूत करेगा. ऐसे में मायावती को आगे भी राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए.
मायावती का सम्मान या फिर बसपा की टिकट पर नज़र
विधायक जोगिंदर अवाना के पत्र ने एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में उस चर्चा को गर्म कर दिया है जिसके अनुसार कहा जा रहा है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक फिर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. यही कारण है कि अभी कुछ दिन पहले ही साल 2008 में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मायावती के कसीदे पढ़ते हुए उनका एहसान माना था. अब जोगिंदर अवाना ने सोनिया गांधी को पत्र लिख मायावती को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने की मांग कर नाराज चल रही मायावती को मनाने का प्रयास किया है.