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विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण: SOG ने केस डायरी पेश करने के साथ ही प्रकरण में पीछे खींचे अपने हाथ

विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में एसओजी की तरफ से बुधवार को कोर्ट में केस डायरी पेश की गई. एसओजी की तरफ से कोर्ट में यह दलील दी गई कि अब इस पूरे प्रकरण की जांच एसीबी की ओर से की जा रही है.

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SOG ने केस डायरी की पेश
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Published : Aug 5, 2020, 10:58 PM IST

जयपुर. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में एसओजी की तरफ से बुधवार को कोर्ट में केस डायरी पेश की गई. साथ ही एसओजी की तरफ से कोर्ट में यह दलील भी दी गई कि अब इस पूरे प्रकरण की जांच एसीबी की ओर से की जा रही है, जिसके चलते अब उनके जूरिडिक्शन में कुछ भी नहीं है.

SOG ने केस डायरी की पेश

बता दें कि मंगलवार को एसओजी की ओर से विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण को लेकर दर्ज की गई 3 एफआईआर में से राजद्रोह की धारा को यह कहते हुए हटाया गया था कि यह पूरा प्रकरण प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट का है और इसकी जांच एसओजी की बजाए एसीबी द्वारा की जाए. इसके बाद बुधवार को कोर्ट में पूरे प्रकरण की केस डायरी प्रस्तुत की गई.

पढ़ें- राजद्रोह की धारा हटते ही किन-किन कयासों को मिला बल, जानिए यहां

केस डायरी कोर्ट में पेश करने के साथ ही एसओजी ने अब इस पूरे प्रकरण से अपने हाथ पीछे लेते हुए गेंद एसीबी के पाले में डाल दी है. एसओजी की तरफ से कोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब इस पूरे प्रकरण में उनके पास कोई भी जानकारी नहीं है और अब इस प्रकरण में एसीबी की ओर से ही अनुसंधान किया जा रहा है.

प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत राजस्थान एसीबी के पास प्रकरण की जांच करने का अधिकार है, जिसके तहत एसीबी की ओर से पूर्व में 2 एफआईआर भी दर्ज की गई है. अब यह संभावना जताई जा रही है कि एसओजी की ओर से दर्ज की गई 3 एफआईआर एसीबी को ट्रांसफर करने के बाद एसीबी पूर्व में दर्ज की गई एफआईआर और एसओजी की ओर से ट्रांसफर की गई एफआईआर को मर्ज करते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी.

जयपुर. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में एसओजी की तरफ से बुधवार को कोर्ट में केस डायरी पेश की गई. साथ ही एसओजी की तरफ से कोर्ट में यह दलील भी दी गई कि अब इस पूरे प्रकरण की जांच एसीबी की ओर से की जा रही है, जिसके चलते अब उनके जूरिडिक्शन में कुछ भी नहीं है.

SOG ने केस डायरी की पेश

बता दें कि मंगलवार को एसओजी की ओर से विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण को लेकर दर्ज की गई 3 एफआईआर में से राजद्रोह की धारा को यह कहते हुए हटाया गया था कि यह पूरा प्रकरण प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट का है और इसकी जांच एसओजी की बजाए एसीबी द्वारा की जाए. इसके बाद बुधवार को कोर्ट में पूरे प्रकरण की केस डायरी प्रस्तुत की गई.

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केस डायरी कोर्ट में पेश करने के साथ ही एसओजी ने अब इस पूरे प्रकरण से अपने हाथ पीछे लेते हुए गेंद एसीबी के पाले में डाल दी है. एसओजी की तरफ से कोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब इस पूरे प्रकरण में उनके पास कोई भी जानकारी नहीं है और अब इस प्रकरण में एसीबी की ओर से ही अनुसंधान किया जा रहा है.

प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत राजस्थान एसीबी के पास प्रकरण की जांच करने का अधिकार है, जिसके तहत एसीबी की ओर से पूर्व में 2 एफआईआर भी दर्ज की गई है. अब यह संभावना जताई जा रही है कि एसओजी की ओर से दर्ज की गई 3 एफआईआर एसीबी को ट्रांसफर करने के बाद एसीबी पूर्व में दर्ज की गई एफआईआर और एसओजी की ओर से ट्रांसफर की गई एफआईआर को मर्ज करते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी.

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