जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार में सबकुछ ठीक होने को लेकर पार्टी के पदाधिकारी से लेकर मंत्री तक भले ही तमाम दावें कर रहे हो, लेकिन जमीनी हकिकत कुछ और ही है. प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी का मसला अभी समाप्त नहीं हुआ है. भले ही कुछ विधायक ऐसे थे जो राजस्थान कांग्रेस में पॉलीटिकल क्राइसिस के समय गहलोत कैंप में शामिल थे. लेकिन अब सामने आ रही उनकी नाराजगी यह कह रही है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. सोमवार को जिस तरीके से कठूमर से कांग्रेस के विधायक बाबूलाल बैरवा ने अपनी ही सरकार के मंत्री रघु शर्मा पर दलित विधायकों और दलित कर्मचारियों के काम नहीं करने के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, उससे तो यही जाहिर हो रहा है.
बाबुलाल बैरवा ने स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 4 दलित एएनएम के तबादले करने को कहा लेकिन उनके तबादले करने की जगह एक दूसरी युवती का तबादला किया गया. उन्होंने आरोप हम एससी दलित विधायकों का ध्यान नहीं देते या फिर एससी के कर्मचारी हैं उनका ध्यान नहीं देते. उन्होंने कहा कि एक ब्राह्मण का तबादला कर दिया और उनके बताए एससी युवतियों के तबादले नहीं किए गए जबकि वह वाजिब थे. वहीं विधायक बैरवा ने न केवल रघु शर्मा बल्कि बीडी कल्ला पर भी आरोप लगाए हैं, बैरवा ने कहा कि मंत्री कल्ला भी हमारे यहां काम नहीं करने वाले जेईएन और एक्सईएन को नहीं हटा रहे हैं. साथ ही विधायक बैरवा ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था भाजपा वाले दलित आदिवासी और अल्पसंख्यकों को आदमी ही नहीं मानते हैं, लेकिन मुझे तो राजस्थान के हालात ऐसे लगते हैं.
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बैरवा ने कहा- दूसरी बार विधायक बने रघु शर्मा को बना दिया गया मंत्री
उन्होंने कहा कि मेरा राजनीति में 46 साल का अनुभव हो गया है, मैं चौथी बार विधायक हूं. 1977 से चुनाव लड़ रहा हूं, इंदिरा गांधी के साथ में जेल गया था. लेकिन रघु शर्मा दूसरी बार विधायक बने और कैबिनेट मंत्री बना दिए गए. अब हमारे जैसे लोगों के काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने परसराम मोरदिया से पूछा वह भी सीनियर एमएलए है उनके भी काम नहीं हो रहे हैं.
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विधायक बैरवा मानते हैं पायलट का अहसान
वहीं विधायक बैरवा ने कहा कि सचिन पायलट ने मेरी मदद की थी जबकि मैं अशोक गहलोत के साथ 1983 से हूं. अशोक गहलोत ने कई बार मेरी मदद की लेकिन, पिछली बार सचिन पायलट ने मेरी मदद की थी. उनकी वजह से ही गुर्जरों ने मुझे वोट दिए. उनका एहसान मानना चाहिए, इसलिए मैं मानता भी हूं. उन्होंने कहा कि सैनी समाज ने कहीं भी वोट नहीं दिया बल्कि कांग्रेस के खिलाफ वोट दिए हैं. मुझे भी सैनी समाज ने वोट नहीं दिया. 10000 वोटों में से मुश्किल से 2000 वोट मुझे मिले हैं. सब ने कांग्रेस के खिलाफ दिए और गुर्जरों ने 99 प्रतिशत वोट हमे दिया. पायलट का अहसान मानता हूं की जब नगर विधानसभा में प्रचार करने आए थे. वहीं मंच से कह गए कि बाबूलाल बैरवा को जिताना है, इसलिए उनका मैं मानता हूं. मजबूरी में मैं उनका साथ नहीं दे पाया, क्योंकि मैं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं गिराना चाहता था.