जयपुर. मदरसा पैराटीचर्स शिक्षक सहयोगी संघ के बैनर तले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कलेक्टर सर्किल पर एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि इस बजट में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई घोषणा (Rajasthan Budget 2022) नहीं की गई. सबसे अधिक उम्मीद 6 हजार मदरसा पैरा टीचर्स को थी. उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इस बजट में उन्हें नियमित करेगी, लेकिन इस बार भी उन्हें खाली हाथ छोड़ दिया गया.
मदरसा पैराटीचर्स शिक्षा सहयोगी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद मसूद अख्तर ने कहा कि बजट में उर्दू को लेकर भी मुख्यमंत्री ने कोई घोषणा नहीं की. इसी तरह से स्कॉलरशिप और अल्पसंख्यकों को ऋण देने के मामले में भी कोई घोषणा नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अल्पसंख्यक समुदाय से वोट लेकर इतिश्री कर ली है. बजट के मामले में समाज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है. सरकार ने हमें ठगा है और आने वाले चुनाव में हम सूद के साथ इसका बदला लेंगे.
अख्तर ने कहा कि समाज के विधायकों ने भी समाज के साथ धोखा किया है. अल्पसंख्यक समुदाय के एकजुट नहीं होने के सवाल पर सैय्यद मसूद अख्तर ने कहा जो भी हमारा नेता बनने की कोशिश करता है मुख्यमंत्री उसे बुलाते हैं और चाय कॉफी पिलाकर उसके कंधे पर हाथ फेरते हैं और वह मामला रफा-दफा हो जाता है.
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हमारी समाज के साथ राजनीति करने वाले लोगों को जरूर इससे फायदा हो रहा है. सैय्यद मसूद अख्तर ने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने को लेकर आवाज उठाने वाले शमशेर भालू खान पर पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को आश्वासन के स्थान पर कोई आदेश निकालना चाहिए था. उनकी तरफ से ऑफिशियल रूप से कोई घोषणा नहीं की गई. आश्वासन तो इससे पहले भी कई बार मिले हैं.
सैय्यद मसूद अख्तर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में भी हमारे 46 हजार वोट है और यह सारे वोट कांग्रेस को दिए जाते हैं. इसलिए बजट के मामले में अल्पसंख्यक समुदाय को कुछ नहीं मिला है और उनके साथ धोखा हुआ है. इस दौरान राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी सहित अन्य लोग मौजूद रहे.