जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आश्वासन के बाद राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने बुधवार रात को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मनोज सक्सेना का आमरण अनशन तुड़वाया, और बहुत जल्द मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया.
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 2 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर मंत्रालयिक कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा था. इस दौरान 6 मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आमरण अनशन भी शुरू किया था. जिनकी बाद में तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. इसके बाद महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने आमरण अनशन शुरू किया. आमरण अनशन पर बैठने के 26वें दिन सीएम अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मनोज सक्सेना का अनशन तुड़वाया.
बुधवार देर शाम को महासंघ के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया गया. मुख्यमंत्री से वार्ता के पहले प्रतिनिधि मंडल की सचिवालय में भी मुख्य सचिव निरंजन आर्य और अन्य अधिकारियों से बातचीत हुई. इसके बाद उन्हें सीएमआर भेजा गया. जहां महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से बातचीत हुई और बहुत जल्द कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. हालांकि इस संबंध में कोई समय सीमा तय नहीं की गई.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चाय पिलाकर मनोज सक्सेना और अनिल जैकब का आमरण अनशन तुड़वाया. साथ ही कांग्रेस सरकार को कर्मचारी हितैषी बताया है. सीएमआर से रवाना होकर महासंघ के प्रतिनिधिमंडल सचिवालय पहुंचे और आंदोलन खत्म किया.
गौरतलब है कि कर्मचारियों के लंबे समय से आंदोलन करने के बावजूद भी सरकार की ओर से वार्ता का न्योता नहीं मिलने से मंत्रालयिक कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त था. कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर ही गुरुवार को काली दिवाली मनाने का भी ऐलान किया था.