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प्रदेश में जनसंख्या पर हो नियंत्रण, ताकि कुपोषण की समस्या कम हो: मंत्री रघु शर्मा

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश में पोषण अभियान की शुरुआत की. इस अभियान में महिला बाल विकास के साथ-साथ सरकार के सभी विभागों को महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. इसके साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे.

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Published : Sep 4, 2019, 7:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान को कुपोषण से मुक्त करने के लिए बुधवार से पोषण अभियान की शुरुआत हुई. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस अभियान का शुभारंभ किया. कृषि अनुसंधान केंद्र में हुए कार्यक्रम में सरकार के मंत्रियों ने पोषण अभियान के ब्रोशर का विमोचन कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को सम्मानित किया.

पोषण अभियान की शुरुआत

आज भी पूरे राजस्थान में 8.6 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है. कुपोषण के इस कलंक को दूर करने के लिए अब राज्य सरकार एक महीने तक विशेष अभियान चलाएगी. इस अभियान में महिला बाल विकास के साथ-साथ सरकार के सभी विभागों को महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. इसके साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे.

इसके लिए सरकार ने तमाम विधायकों, सांसदों, सरपंचों को खत लिखकर इस मुहिम से जुड़ने का अनुरोध किया है. पोषण अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना था कि कुपोषण पर नियंत्रण के साथ-साथ आबादी पर भी नियंत्रण करना बेहद जरूरी है. यदि यही स्थिति रही तो 2024 तक भारत आबादी में नंबर वन पर आ जाएगा. इसलिए कुपोषण के साथ-साथ समय रहते आबादी पर नियंत्रण करना बेहद ही जरूरी है.

पढ़ें: पंजाब की पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट, 18 की मौत, 30 घायल

उनका कहना था कि जनता के स्वास्थ्य पर सरकार गंभीर है. पहले भामाशाह योजना प्रदेश में चल रही थी फिर केंद्र की आयुष्मान योजना लेकिन इन दोनों ही योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल रहा था जिसके बाद सीएम गहलोत ने जनता के दर्द को समझा और दोनों योजनाओं को इंटीग्रेट किया.

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना था कि आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी घोषित करने का फैसला सरकार ने लिया. इसके साथ-साथ सरकार अगले साल तक बच्चों के बस्तों का बोझ भी कम कर देगी. संभवत एक साल में ही पूरे राजस्थान में लागू हो जाएगा. इस दौरान विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने यह माना कि आज भी ग्रामीण अंचल में बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. खासकर बारा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर समेत कई जिलों की स्थिति बेहद खराब है. उनका कहना था कि इस अभियान से कुपोषण को खत्म करना ही होगा ताकि हमारा भविष्य नहीं ऊंचाइयों पर पहुंचे.

पढ़ें: झुंझुनू में धूजी धरती, 3:30 बजे महसूस हुए भूकंप के झटके

हालांकि महिला बाल विकास विभाग को पोषण अभियान में अव्वल आने पर केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया था. लेकिन अभी भी कुपोषण को दूर करने के लिए कोशिश जारी रखनी होगी.

जयपुर. राजस्थान को कुपोषण से मुक्त करने के लिए बुधवार से पोषण अभियान की शुरुआत हुई. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस अभियान का शुभारंभ किया. कृषि अनुसंधान केंद्र में हुए कार्यक्रम में सरकार के मंत्रियों ने पोषण अभियान के ब्रोशर का विमोचन कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को सम्मानित किया.

पोषण अभियान की शुरुआत

आज भी पूरे राजस्थान में 8.6 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है. कुपोषण के इस कलंक को दूर करने के लिए अब राज्य सरकार एक महीने तक विशेष अभियान चलाएगी. इस अभियान में महिला बाल विकास के साथ-साथ सरकार के सभी विभागों को महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. इसके साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे.

इसके लिए सरकार ने तमाम विधायकों, सांसदों, सरपंचों को खत लिखकर इस मुहिम से जुड़ने का अनुरोध किया है. पोषण अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना था कि कुपोषण पर नियंत्रण के साथ-साथ आबादी पर भी नियंत्रण करना बेहद जरूरी है. यदि यही स्थिति रही तो 2024 तक भारत आबादी में नंबर वन पर आ जाएगा. इसलिए कुपोषण के साथ-साथ समय रहते आबादी पर नियंत्रण करना बेहद ही जरूरी है.

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उनका कहना था कि जनता के स्वास्थ्य पर सरकार गंभीर है. पहले भामाशाह योजना प्रदेश में चल रही थी फिर केंद्र की आयुष्मान योजना लेकिन इन दोनों ही योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल रहा था जिसके बाद सीएम गहलोत ने जनता के दर्द को समझा और दोनों योजनाओं को इंटीग्रेट किया.

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना था कि आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी घोषित करने का फैसला सरकार ने लिया. इसके साथ-साथ सरकार अगले साल तक बच्चों के बस्तों का बोझ भी कम कर देगी. संभवत एक साल में ही पूरे राजस्थान में लागू हो जाएगा. इस दौरान विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने यह माना कि आज भी ग्रामीण अंचल में बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. खासकर बारा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर समेत कई जिलों की स्थिति बेहद खराब है. उनका कहना था कि इस अभियान से कुपोषण को खत्म करना ही होगा ताकि हमारा भविष्य नहीं ऊंचाइयों पर पहुंचे.

पढ़ें: झुंझुनू में धूजी धरती, 3:30 बजे महसूस हुए भूकंप के झटके

हालांकि महिला बाल विकास विभाग को पोषण अभियान में अव्वल आने पर केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया था. लेकिन अभी भी कुपोषण को दूर करने के लिए कोशिश जारी रखनी होगी.

Intro:जयपुर- राजस्थान को कुपोषण से मुक्त करने के लिए आज से पोषण अभियान की शुरुआत हुई। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस अभियान का शुभारंभ किया। कृषि अनुसंधान केंद्र में हुए कार्यक्रम में सरकार के मंत्रियों ने पोषण अभियान के ब्रोशर का विमोचन कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को सम्मानित किया।


Body:आज भी पूरे राजस्थान में 8.6 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है। कुपोषण के इस कलंक को दूर करने के लिए अब राज्य सरकार एक महीने तक विशेष अभियान चलाएगी। इस अभियान में महिला बाल विकास के साथ-साथ सरकार के सभी विभागों को महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इसके साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। इसके लिए सरकार ने तमाम विधायकों, सांसदों, सरपंचों को खत लिखकर इस मुहिम से जुड़ने का अनुरोध किया है। पोषण अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना था कि कुपोषण पर नियंत्रण के साथ-साथ आबादी पर भी नियंत्रण करना बेहद जरूरी है यदि यही स्थिति रही तो 2024 तक भारत आबादी में नंबर वन पर आ जाएगा। इसलिए कुपोषण के साथ-साथ समय रहते आबादी पर नियंत्रण करना बेहद ही जरूरी है। उनका कहना था कि जनता के स्वास्थ्य पर सरकार गंभीर है। पहले भामाशाह योजना प्रदेश में चल रही थी फिर केंद्र की आयुष्मान योजना लेकिन इन दोनों ही योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल रहा था जिसके बाद सीएम गहलोत ने जनता के दर्द को समझा और दोनों योजनाओं को इंटीग्रेट किया।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना था कि आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी घोषित करने का फैसला सरकार ने लिया। इसके साथ-साथ सरकार अगले साल तक बच्चों के बस्तों का बोझ भी कम कर देगी। संभवत एक साल में ही पूरे राजस्थान में लागू हो जाएगा। इस दौरान विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने यह माना कि आज भी ग्रामीण अंचल में बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। खासकर बारा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर समेत कई जिलों की स्थिति बेहद खराब है। उनका कहना था कि इस अभियान से कुपोषण को खत्म करना ही होगा ताकि हमारा भविष्य नहीं ऊंचाइयों पर पहुंचे।

हालांकि महिला बाल विकास विभाग को पोषण अभियान में अव्वल आने पर केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया था। लेकिन अभी भी कुपोषण को दूर करने के लिए कोशिश जारी रखनी होगी।

बाईट- ममता भूपेश, मंत्री, महिला बाल विकास
बाईट- रघु शर्मा, मंत्री, चिकित्सा विभाग


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