जयपुर. राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पानी की पाइप लाइन हटाने पर अधिकारियों से डांट फटकार लगाने का वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद प्रताप सिंह खाचरियावास को लेकर दोन तरह की प्रतिक्रिया सामने आईं. कुछ ने उनके रॉबिनहुड अवतार को पसंद किया तो किसी ने मंत्री की ओर से बोली गई भाषा पर सवाल उठाया.
एक यूजर ने कहा कि मंत्री को जनता के लिए आवाज उठाने के लिए अधिकारियों से इस तहर से बात करना गलत नहीं है. क्योंकि अधिकारी, जनता के काम के लिए ही होते हैं. अगर वो जनता का काम नहीं करेंगे तो फिर मंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ता है. हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाए कि जिस भाषा का इस्तेमाल मंत्री ने किया, वह गलत था.
वहीं, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह जनता को समझा रहे थे कि अगर लैंड माफिया किसी गरीब जनता की पाइपलाइन उखाड़ रहा है तो आपको रिएक्शन करना चाहिए, जहां तक अधिकारियों का सवाल है मैंने अधिकारियों से यही कहा कि हम हवा और पानी किसी का रोक नहीं सकते. पानी रोकने का हमें अधिकार नहीं है. अगर किसी के पास पानी के लिए पैसे नहीं हैं तो सरकार की बहुत सारी योजनाएं हैं, उनमें कन्वर्ट करके उन्हें पानी देंगे, लेकिन पानी रोक नहीं सकते.
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खाचरियावास ने कहा कि जब महिलाएं रो रहीं हो तो गुस्सा आना वाजिब है. मैंने किसी को अगर यह कहा कि.......यह कोई वल्गर भाषा नहीं थी. लेकिन अगर कोई पाइप लाइन उखाड़ रहा है और महिलाएं रो रहीं हैं तो विरोध तो पब्लिक को करना पड़ेगा. ऐसी परिस्थितियों में गुस्सा कई बार आ जाता है. गुस्सा का कारण यही है कि पब्लिक रोएगी. पब्लिक की एक आंख में आंसू होंगे तो गुस्सा भी आएगा.