जयपुर. राजस्थान की नई खनन नीति का इंतजार अब फरवरी महीने तक पूरा हो सकता है. मंत्री प्रमोद जैन भाया ने स्वीकार करते हुए (Mining Minister Indications on New Policy) कहा कि खनन नीति लाने में में देरी जरूर हुई है, लेकिन इसमें हमारी भावना है कि पॉलिसी ऐसे बने जिससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले और खनन ज्यादा से ज्यादा हो सके.
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि हमारे ऊपर आशीर्वाद है कि हमें राजस्थान में इतनी खनिज संपदा (Pramod Bhaya on Rajasthan Mineral Wealth) मिली हुई है. इसी के चलते अधिकारियों की कमेटी बनाकर जिन राज्यों में राजस्थान से ज्यादा खनन होता है वहां की पॉलिसी का अध्ययन किया गया है. अलग-अलग संभाग के खनन की अलग-अलग समस्याओं को देखते हुए मैंने खुद भी जोधपुर और बीकानेर डिवीजन के माइनिंग कार्य से जुड़े एसोसिएशन से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी है, ताकि नई खनन पॉलिसी में संभाग के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान मिले.
उन्होंने कहा कि अब नई खनन नीति का काम (Minister Pramod Bhaya Big Statement) लगभग पूरा हो चुका है, जल्दी से जल्दी माइनिंग पॉलिसी को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और जो घोषणा पत्र में हमारी सरकार ने कहा था उसे पूरा ही नहीं किया जाएगा, बल्कि नई पालिसी में sc-st, वीकर सेक्शन, ओबीसी सभी तबकों का ध्यान रखते हुए नई पॉलिसी में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार (Gehlot Government Action Plan on Mining) मिले और सरकार को अधिक से अधिक रेवेन्यू आए, इसका प्रावधान किया जाएगा.
भाया ने कहा कि यह काम इस साल बजट सत्र तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है. वहीं, बंसी पहाड़पुर में माइनिंग के लिए वहां के लोकल लोगों को अधिकार नहीं मिलने की बात पर खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि ऑक्शन में सभी को भाग लेने का अधिकार है और जिन लोगों ने ज्यादा बोली लगाई, उसे ही काम मिला है. उन्होंने कहा कि रिजर्व प्राइस से कई गुना ज्यादा यह बोली गई है, जिससे सरकार को तो राजस्व की जबरदस्त फायदा हुआ है उसके साथ ही इससे जो खनन सेक्टर खुलेगा, उसमें लोकल लोगों को रोजगार भी मिलेगा.