जयपुर. राजस्थान विधानसभा का जब सत्र चल रहा होता है तो उसमें कई बिल रखे जाते हैं और कोई भी बिल विधानसभा में बिना चर्चा के पास नहीं होता है. लेकिन सोमवार को राजस्थान विधानसभा में दो ऐसे बिल भी पेश किए गए, जो महज कुछ मिनटों में ही पास हो गए. इनमें था मंत्रियों-विधायकों के वेतन बढ़ोतरी का बिल.
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में सोमवार को ऑनर किलिंग को लेकर बिल पर चर्चा चल रही थी तो ऐसे में चर्चा को बीच में रोककर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राजस्थान मंत्री वेतन (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 और राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन )(संशोधन) विधेयक 2019 रखा गया. जो महज कुछ मिनटों में बिना किसी चर्चा के पास हो गए.
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सोमवार को बढ़ाए गए वेतन और भत्तों में सबसे ज्यादा वेतन भत्ते में इजाफा हुआ है. उप मुख्यमंत्री के वेतन-भत्तों में जहां मुख्यमंत्री को पहले ₹55000 वेतन मिलता था, उसे बढ़ाकर ₹75000 कर दिया गया है तो वहीं उप मुख्यमंत्री का वेतन 10500 से बढ़ाकर ₹65000 किया गया है. आज बढ़ाए गए वेतन के अनुसार मंत्रियों के वेतन पर दो करोड़ 10 लाख का बोझ आएगा तो वहीं विधायकों के वेतन पर 29 करोड़ 36 लाख का सरकार पर भार पड़ेगा. इससे पहले प्रदेश में 26 अप्रैल 2017 को वेतन भत्ते में बढ़ोतरी हुई थी.
यह रहेगा अब वेतनमान
- मुख्यमंत्री का 55 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार हुआ.
- विधानसभा अध्यक्ष का 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 70 हजार.
- वि.स. उपाध्यक्ष का 45 हजार रुपए से बढ़ाकर 65 हजार.
- कैबिनेट मंत्री का वेतन 45 हजार रुपए से 65 हजार हुआ.
- राज्य मंत्री का 42 हजार रुपए से 62 हजार किया वेतन.
- ससंदीय सचिव का वेतन 40 हजार रुपए से 60 हजार किया.
- मुख्य सचेतक का वेतन 45 हजार रुपए से 65 हजार.
- उप मुख्य सचेतक का वेतन 42 हजार रुपए से 62 हजार.
- नेता प्रतिपक्ष का वेतन 45 हजार रुपए से 65 हजार.
- उप मंत्री का 40 हजार रुपए से बढ़ाकर किया 60 हजार.
- माननीय जनप्रतिनिधियों के बढ़े वेतन भत्ते
- विधायक का वेतन 25 हजार रुपए से बढ़कर हुआ 40 हजार.
- वहीं भत्तों में इस तरीके से हुआ है इजाफा
- मुख्यमंत्री को सत्कार भत्ता मिलेगा ₹85 हजार प्रतिमाह.
- मंत्री, राज्य मंत्री को मिलेगा ₹80 हजार प्रतिमाह
- संसदीय सचिव को ₹70 हजार प्रतिमाह.
- उप मंत्री को ₹60 हजार प्रतिमाह मिलेगा सत्कार भत्ता.
- मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्य मंत्री, उप मंत्री को अब 10 हजार के बजाय ₹30 हजार मासिक मिलेगा मकान किराया भत्ता
फर्नीचर मद भी बढ़ाया
- अध्यक्ष का फर्नीचर खर्चा कार्यकाल के दौरान अब छह लाख रुपए रहेगा.
- उपाध्यक्ष, सरकारी मुख्य सचेतक, सरकारी उप मुख्य सचेतक, नेता प्रतिपक्ष को मिलेगा ₹5 लाख पूरे कार्यकाल में फर्नीचर के लिए.
विधायक का दैनिक भत्ता 1500 से बढ़ाकर 2 हजार. राज्य के बाहर हुआ 2500.
निर्वाचन भत्ता प्रतिमाह 50 हजार से बढ़कर हुआ 70 हजार.
टेलीफोन भत्ता प्रतिमाह 2500 रु किया शुरू.
निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण हेतु वाहन के लिए अधिकतम 15 दिन के लिए ₹45000 प्रतिमाह किया गया.
रेल और हवाई भत्ता सालाना 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख किया.
मकान किराया 20 हजार से बढ़ाकर किया 30 हजार.
पूर्व विधायकों की पेंशन में भी 10000 की बढ़ोतरी.
पूर्व विधायकों की पेंशन 25000 प्रतिमाह से बढ़ाकर की गई ₹35000 प्रतिमाह.
चिकित्सा सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख किया गया.
पूर्व सदस्यों के निधन के बाद 100 रोडवेज के कूपन मिलेंगे पत्नी को.
विधानसभा अध्यक्ष का सत्कार भत्ता बढ़ा. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सरकारी मुख्य सचेतक नेता प्रतिपक्ष का सत्कार भत्ता होगा ₹80000 प्रतिमाह.
सरकारी उप मुख्य सचेतक का सत्कार भत्ता होगा ₹70000 प्रतिमाह.