जयपुर. राजस्थान में फिल्म पानीपत का विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. इस मामले में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि फिल्म निर्माता अपनी फिल्म को हिट करने के लिए महापुरुषों के चरित्रों के साथ खिलवाड़ कर देते है. फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची शासक के रूप में दर्शाने को मंत्री डोटासरा ने अति निंदनीय बताया है.
इस मामले में मंत्री डोटासरा ने मांग की है कि फिल्म को बैन किया जाए. साथ ही महाराजा सूरजमल का जो गलत चित्रण दिखाया गया, उसको फिल्म से हटाया जाए. मंत्री ने केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड से मांग की है कि फिल्म को दोबारा देखे और सही चित्रण को पेश करे. मंत्री डोटासरा ने कहा कि किसी भी महापुरुष का चित्रण करने से पहले फिल्म निर्माताओं को उस महापुरुष के जन्मस्थल और कर्मस्थल की राज्य सरकारों से चर्चा करनी चाहिए, फिर उस पर फिल्म बनानी चाहिए.
दरअसल, फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने और आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है. इस पर पेशवा सदाशिव आपत्ति जताते है और सूरजमल भी अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से इनकार कर देते है. इसके साथ ही सूरजमल को हरियाणवी और राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया गया है.