जयपुर. सरकार का 1 साल 17 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है. सरकार के विभागों ने क्या कुछ किया है, इन सब बातों की जानकारी विभाग की ओर से खुद मंत्री दे रहे हैं. इसी के चलते ईटीवी भारत से मंत्री मास्टर भंवरलाल खास बात चीत की, जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से किये गए कामों को बताया गया. साथ ही जो काम इस साल रह गए हैं उन्हें अगले साल पूरा किया जाएगा.
बता दें कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सरकार बनने के बाद जब पहली कैबिनेट की बैठक हुई थी. तो उसमें वृद्धावस्था पेंशन की राशि निर्णय लिया गया था. जिसमें वृद्धावस्था पेंशन की राशि को 75 साल से कम की आयु वालों के लिए ₹500 से 750 और और 75 साल से अधिक आयु वाले पेंशनरों को 750 से हजार करने का काम किया गया था.
वहीं 18 साल से ज्यादा लेकिन 55 साल से कम आयु की विधवा परित्यक्ता एवं तलाकशुदा पेंशनर को ₹500 प्रति माह पेंशन की गई. वहीं जिस आर्थिक आधार पर पिछड़े स्वर्णों को दिए गए आरक्षण के प्रावधानों में राजस्थान में छूट की है. उन प्रावधानों को लागू करने वाला भी प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ही है.
बात करें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तो इस विभाग में यह रहे हैं प्रमुख फैसले...
छात्रवृत्ति एवं आवासीय विद्यालय...
- छात्रवृत्ति योजनाओं का सरलीकरण किया गया, जिससे समय बाद तरीके से आवेदन पत्रों का निस्तारण हो सका.
- विभाग के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति योजनाओं में साल 2019 और 2020 में नवंबर तक 6,41,008 विद्यार्थियों को लाभ दिया गया.
- विद्यार्थियों-संस्थाओं के लिए 21 दिन और अधिकारियों के लिए 21 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई.
- अन्य पिछड़ा वर्ग को उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में सीमित वित्तीय बजट प्रधान प्रावधान को देखते हुए 60 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को लागू किया गया.
- आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में छात्रों के प्रवेश के लिए अभिभावकों की आय सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर आठ लाख किया गया.
- छात्रावासों में विद्यार्थियों के प्रवेश में प्राप्तांक 50 प्रतिशत की अनिवार्यता के स्थान पर 40 प्रतिशत की गई.
छात्रावास...
विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, राजकीय छात्रावासों के मैच भत्ते की राशि को ₹2000 से बढ़ाकर ढाई हजार रुपए किया गया.
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पेंशन...
- अधिक सुरक्षा के तहत वृद्धावस्था पेंशन राशि 75 वर्ष से कम आयु के पेंशनर को ₹500 प्रतिमाह से बढ़ाकर ₹750 प्रति माह किया गया तो वही 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर की पेंशन राशि को ₹750 से बढ़ाकर ₹1000 किया गया
- 18 साल से अधिक लेकिन 55 साल से कम आयु की विधवा परित्यक्ता एवं तलाकशुदा पेंशनर को ₹500 प्रति माह पेंशन
- 55 साल से अधिक लेकिन 7 साल से कम आयु की विधवा परित्यक्ता एवं तलाकशुदा पेंशनर को ₹750 प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान
- 60 साल से अधिक लेकिन 75 साल से कम आयु की विधवा परित्यक्ता एवं तलाकशुदा पेंशनर को ₹1000 प्रति माह पेंशन
- 75 साल से अधिक आयु की विधवा परित्यक्ता एवं तलाकशुदा पेंशनर को पंद्रह सो रुपए प्रतिमाह पेंशन
- 55 साल से कम आयु की महिला एवं 58 साल से कम आयु के पेंशनर को ₹ 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन
- 55 साल से अधिक की महिला तथा 58 साल से अधिक के पुरुष किंतु 75 साल से कम आयु के पेंशनर को ₹1000 प्रति माह पेंशन
- चित्र साल से अधिक आयु के पेंशनर को 1250 रुपए प्रतिमाह पेंशन
- सभी आयु वर्ग के कुष्ठ रोग मुक्त विशेष योग्यजन पेंशनर को 15 सो रुपए प्रतिमाह पेंशन
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन नियमों में सरलीकरण ते हुए सेल्फ अटेस्टेड व्यवस्था की गई चालू
- राजस्थान सामाजिक सुरक्षा लघु एवं सीमांत वृद्धजन किसान सम्मान पेंशन नियम 2019 लागू किए गए
पालनहार योजना...
- पालनहार योजना के तहत दिसंबर 2018 तक 156916 पालनहारों के 290854 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा था. जिसे वर्तमान में बढ़ाकर एक लाख 88 हजार 49 पालनहार के 345156 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है.
- पालनहार योजना में कुल बजट 260 करोड़ है. ऐसे में 245.11 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं.
- साल 2019-20 की बजट घोषणा के तहत पालनहार योजना से लाभान्वित बच्चों को उच्च शिक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 50-50 स्वीकृत क्षमता के दो आवासीय छात्रावासों की स्वीकृति विभाग ने जारी की है.
- भवन किराए पर लेने के लिए रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी कर प्रस्ताव मांगे गए हैं.
- आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण संपत्ति प्रावधान हटाकर मिला.
इस विभाग की इस साल की सबसे बड़ी घोषणाएं कांग्रेस के लिए हितकारी रही. आर्थिक तौर पर पिछड़े स्वर्ण जातियों के लिए 8,00,000 इनकम की बाध्यता के अलावा तमाम संपत्ति प्रावधान हटाने का काम भी इसी विभाग ने किया है. जिससे ना केवल आर्थिक रूप से पिछड़े स्वर्णों को फायदा हुआ बल्कि कांग्रेस को राजनीतिक तौर पर भी इसका फायदा हुआ. लेकिन अब भी मंत्री मास्टर भंवरलाल के मन में टीस है. उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ काम हैं जो रह गए हैं.
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यह काम अगले साल करेंगे पूरे
- ऐसा नहीं है कि इस विभाग ने जो काम किए उसके बाद मंत्री मास्टर भंवरलाल संतुष्ट हैं. बल्कि मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कुछ काम ऐसे भी चिन्हित कर रखे हैं जो वह इस साल तो नहीं कर पाए लेकिन आगामी सालों में उसे पूरा करेंगे इसमें एट्रोसिटी एक्ट के तहत जो मुकदमे दर्ज होते हैं उसके तहत पैसा मिलने में जो देरी पिछली सरकार की गलतियों की वजह से हुई उनको सही किया जाएगा. जल्द ही अधिकारियों की मीटिंग लेकर इस पूरे मामले को सुलझाया जाएगा. तो वहीं कितने केस पेंडिंग है उन्हें भी निपटारा किया जाएगा.
- मंत्री मास्टर भंवरलाल ने पूरी साफगोई से यह स्वीकार किया कि उनके आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. ऐसे में मंत्री चाहते हैं जिन आवासीय विद्यालयों में जो शिक्षक लगे उनका कैडर अलग किया जाए, ताकि शिक्षा विभाग उनका फिर से अपने विभाग में तबादला ना कर सके अगर इनका तबादला कहीं हो तो आवासीय विद्यालय से दूसरे आवासीय विद्यालय में हो जाए ऐसा एक कैडर डिवेलप करने का प्रयास आगामी साल में रहेगा.
- मंत्री मास्टर भंवरलाल ने साफ माना कि 800 छात्रावासों में से कई छात्रावासों के हालात बहुत खराब है. जहां पर कमरे खेल मैदान से लेकर तमाम सुविधाएं बच्चों को नहीं मिल पा रही है. इसके लिए सरकार से अलग से बजट की मांग कर इन स्थितियों को सुधारने का काम किया जाएगा.