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देश के रिटेलरों को बचाने के लिए सख्त ई-कॉमर्स पॉलिसी बनाने की मांग, PM मोदी के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश में कैट (कॉन्फेडशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स) ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार के लिए सख्त नीति बनाने और देश के रिटेलर को बचाने के लिए व्यापारियों ने जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस ज्ञापन के जरिए व्यापारियों ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर एफडीआई नीति और अन्य कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

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व्यापारियों ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सख्त नीति बनाने के लिए सौंपा ज्ञापन
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Published : Dec 15, 2020, 3:49 PM IST

जयपुर. शहर में मंगलवार को कैट (कॉन्फेडशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) की ओर से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार के लिए सख्त नीति बनाने और देश के रिटेलर को बचाने के लिए राजधानी सहित देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन के जरिए आरोप लगाया गया कि ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नीति और अन्य कानूनों का उल्लंघन कर रही है और 'लोकल पर वोकल' और आत्म निर्भर भारत अभियान को भी प्रभावित कर रही है.

व्यापारियों ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सख्त नीति बनाने के लिए सौंपा ज्ञापन

कैट के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र बज ने बताया कि कैट रिटेल व्यापारियों की हिंदुस्तान में सबसे बड़ी संस्था है. मार्च 2020 तक विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की भागीदारी 6 फीसदी थी जो नवंबर 2020 में बढ़कर 26 प्रतिशत हो गई. विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ई कॉमर्स पॉलिसी बनाएं जिससे कि देश के रिटेल व्यापार को बचाया जा सके.

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारण देश के रिटेलर कमजोर हो चुके हैं उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. इसी संबंध में कैट की ओर से देशभर के सभी 734 जिलों में जिला कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया है. कैट की ओर से मांग की गई कि भारत सरकार देश के रिटेलर को बचाने के लिए ठोस ई-कॉमर्स नीति बनाएं. व्यापारियों ने जिला कलेक्टर से ये भी मांग की कि रात में कर्फ्यू का दायरा कम किया जाए. वर्तमान में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रि कालीन कर्फ्यू चल रहा है.

व्यापारियों ने मांग की है कि कोविड का असर कम हो रहा है इसलिए कर्फ्यू का समय रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किया जाए ताकि छोटे व्यपारी अपना व्यापार आसानी से कर सके. उन्होंने कहा कि फिलहाल 7 बजे ही पूरा बाजार बंद हो जाता है जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. ज्ञापन के जरिए अपनी पीड़ा बताते हुए व्यापारियों ने बताया कि विदेशी ई कमर्स कंपनियों ने अपने असीमित संसाधनों के बल पर सरकार की एफडीआई नीति और संबंधित कानूनों और नियमों का निरंतर उल्लंघन किया और भारत के ई कॉमर्स व्यवसाय और रिटेलर व्यापार पर अपना एकाधिकार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कई बार शिकायत करने के बावजूद भी उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही.

पढ़ें- जयपुर: बगरू में 25 साल बाद भाजपा चित्त, निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस बना सकती है बोर्ड

वहीं, छोटे व्यापारियों के लिए ऑनलाइन व्यापारिक गतिविधियों से जुड़ने और डिजिटल कॉमर्स से आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में ई-कॉमर्स कंपनियां रुकावट बन गई है. ज्ञापन में मांग की है कि ई-कॉमर्स कंपनियों की व्यवस्थाओं को विनियमित करने और निगरानी के लिए एक सशक्त रेगुलेटरी अथॉरिटी के स्पष्ट प्रावधान के साथ ई-कॉमर्स नीति की घोषणा करें.

कैट के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत के व्यापारिक समुदाय और लोगों के बीच 'भारतीय सामान हमारा अभिमान' का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है और देश के सभी भागों के नागरिकों ने उत्साह से इसका समर्थन किया है. इस अभियान को देश के जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापार, उपभोक्ता, नागरिक, समाज और छोटे निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ सरकारी अधिकारियों की एक समिति का गठन राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर किया जाए ताकि अभियान जमीनी स्तर पहुंचाया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ा जा सके. ज्ञापन देने के दौरान प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र बज के अलावा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल, सचिन गुप्ता, विक्की चेलानी आदि भी मौजूद रहे.

जयपुर. शहर में मंगलवार को कैट (कॉन्फेडशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) की ओर से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार के लिए सख्त नीति बनाने और देश के रिटेलर को बचाने के लिए राजधानी सहित देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन के जरिए आरोप लगाया गया कि ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नीति और अन्य कानूनों का उल्लंघन कर रही है और 'लोकल पर वोकल' और आत्म निर्भर भारत अभियान को भी प्रभावित कर रही है.

व्यापारियों ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सख्त नीति बनाने के लिए सौंपा ज्ञापन

कैट के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र बज ने बताया कि कैट रिटेल व्यापारियों की हिंदुस्तान में सबसे बड़ी संस्था है. मार्च 2020 तक विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की भागीदारी 6 फीसदी थी जो नवंबर 2020 में बढ़कर 26 प्रतिशत हो गई. विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ई कॉमर्स पॉलिसी बनाएं जिससे कि देश के रिटेल व्यापार को बचाया जा सके.

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारण देश के रिटेलर कमजोर हो चुके हैं उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. इसी संबंध में कैट की ओर से देशभर के सभी 734 जिलों में जिला कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया है. कैट की ओर से मांग की गई कि भारत सरकार देश के रिटेलर को बचाने के लिए ठोस ई-कॉमर्स नीति बनाएं. व्यापारियों ने जिला कलेक्टर से ये भी मांग की कि रात में कर्फ्यू का दायरा कम किया जाए. वर्तमान में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रि कालीन कर्फ्यू चल रहा है.

व्यापारियों ने मांग की है कि कोविड का असर कम हो रहा है इसलिए कर्फ्यू का समय रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किया जाए ताकि छोटे व्यपारी अपना व्यापार आसानी से कर सके. उन्होंने कहा कि फिलहाल 7 बजे ही पूरा बाजार बंद हो जाता है जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. ज्ञापन के जरिए अपनी पीड़ा बताते हुए व्यापारियों ने बताया कि विदेशी ई कमर्स कंपनियों ने अपने असीमित संसाधनों के बल पर सरकार की एफडीआई नीति और संबंधित कानूनों और नियमों का निरंतर उल्लंघन किया और भारत के ई कॉमर्स व्यवसाय और रिटेलर व्यापार पर अपना एकाधिकार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कई बार शिकायत करने के बावजूद भी उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही.

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वहीं, छोटे व्यापारियों के लिए ऑनलाइन व्यापारिक गतिविधियों से जुड़ने और डिजिटल कॉमर्स से आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में ई-कॉमर्स कंपनियां रुकावट बन गई है. ज्ञापन में मांग की है कि ई-कॉमर्स कंपनियों की व्यवस्थाओं को विनियमित करने और निगरानी के लिए एक सशक्त रेगुलेटरी अथॉरिटी के स्पष्ट प्रावधान के साथ ई-कॉमर्स नीति की घोषणा करें.

कैट के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत के व्यापारिक समुदाय और लोगों के बीच 'भारतीय सामान हमारा अभिमान' का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है और देश के सभी भागों के नागरिकों ने उत्साह से इसका समर्थन किया है. इस अभियान को देश के जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापार, उपभोक्ता, नागरिक, समाज और छोटे निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ सरकारी अधिकारियों की एक समिति का गठन राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर किया जाए ताकि अभियान जमीनी स्तर पहुंचाया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ा जा सके. ज्ञापन देने के दौरान प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र बज के अलावा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल, सचिन गुप्ता, विक्की चेलानी आदि भी मौजूद रहे.

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