जयपुर. राज्य में सस्ती बिजली उत्पादन की संभावनाओं को तलाशने के लिए कवायद शुरु कर दी गई है. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं एनर्जी (ACS Mines Dr. Subodh Agarwal) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सोमवार को सचिवालय में माइंस व एनर्जी विभाग के शीर्ष अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर राज्य में उपलब्ध खनिज संसाधनों का उपयोग राज्य के लिए विद्युत उत्पादन में करने के सभी संभावित विकल्प तलाशने को कहा है ताकि प्रदेश में सस्ती बिजली उपलब्ध हो सके.
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में लिग्नाइट के विपुल भण्डार होने के साथ ही जहां एक और लिग्नाइट का दोहन जारी है. वहीं लिग्नाइट की खोज का कार्य भी किया जा रहा है. राज्य में उपलब्ध लिग्नाइट का उपयोग प्रदेश में लिग्नाइट आधारित विद्युत गृहों के लिए करने के साथ ही नए विद्युत गृह लगाने या नई इकाइयां लगाने या विद्युत उत्पादन बढ़ाने की संभावनाओं को देखा जाएगा. लिग्नाइट का खनन और उससे विद्युत उत्पादन एक ही संस्था के पास होने से विद्युत लागत में प्रति यूनिट सेस की बचत भी होने से लागत कम आने के साथ ही विद्युत निर्भरता भी कम होगी.
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने निर्देश दिए कि राज्य में विभिन्न स्रोतों से निजी व राजकीय उपक्रमों को आवंटित लिग्नाइट माइंस में से उत्पादन कर रही माइंस, उपलब्ध लिग्नाइट भण्डार, अनुत्पादक माइंस, माइंस आवंटन की शर्तों के अनुसार लिग्नाइट उपलब्ध कराने या विद्युत उत्पादन इकाई लगाकर विद्युत उत्पादन करने आदि आवंटन की शर्तों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी ताकि उपलब्ध खनिज संपदा का उपयोग प्रदेश में कम लागत की विद्युत उत्पादन क्षमता विकसित करने में किया जा सके.
कोयला संकट से लिया सबक
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य विद्युत उत्पादन लागत को कम करने और उपलब्ध खनिज संपदा का बेहतर उपयोग कर प्रदेश में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाना है. पिछले दिनों कोयले की कमी के कारण देशव्यापी विद्युत संकट को देखते हुए इस दिशा में कार्य किया जाना आवश्यक हो गया है. इस संबंध में आरंभिक एक्सरसाइज अगले 2-3 दिन में ही करने के निर्देश दिए गए हैं.
बैठक में बताया गया कि राज्य में सबसे सस्ती बिजली 3.02 रुपये प्रति यूनिट वीएसपीएल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है. बाड़मेर, नागौर, बीकानेर, जैसलमेर आदि में लिग्नाइट का भण्डार है. राज्य में गिरल, सोनारी, कृष्णाउं, मातासुर, शिवकर, सच्चा सौदा, गुढ़ा इस्ट व गुढ़ा वेस्ट, जलिपा, कपूरडी आदि माइंस आवंटित है. आरएसएमएम के सीजीएम रितेश पोखरणा ने लिग्नाइट माइंस की जानकारी दी. बैठक में आरएसएमएम के असीम अग्रवाल, विद्युत उत्पादन निगम के देवेन्द्र श्रृंगी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.