जयपुर. कैबिनेट की सोमवार को होने वाली बैठक में निकाय प्रमुखों के चुनाव पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस सरकार अभी भी असमंजस की स्थिति में नजर आ रही है. कांग्रेस का एक धड़ा डायरेक्ट इलेक्शन का फैसला वापस लेने को बैकफुट पर जाना बता रहा है. वहीं एक धड़ा डायरेक्ट इलेक्शन से बीजेपी को फायदा होने की बात कह रहा है.
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में किए वादे के अनुसार नगर पालिका अधिनियम में संशोधन किया. जिसके तहत नगर निगम महापौर, नगर परिषद सभापति और नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया को प्रत्यक्ष कर दिया गया. हालांकि, इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली तो कुछ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सीएम अशोक गहलोत के सामने सीधे चुनाव प्रक्रिया पर फिर से विचार करने की मांग रख दी. इसके बाद सरकार ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पुनर्विचार का जिम्मा सौंपा. इस संबंध में धारीवाल कमेटी ने जनप्रतिनिधियों से लेकर आमजन तक सभी से राय-मशवरा भी किया.
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हालांकि, अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि फिलहाल कैबिनेट के एजेंडों में निकाय प्रमुख के चुनाव का एजेंडा शामिल नहीं है. हालांकि उन्होंने इस पर डिस्कशन होने से भी इनकार नहीं किया.
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वहीं इससे पहले शांति धारीवाल ने कई बार कैबिनेट के फैसले पर बने रहने की संभावना भी व्यक्त की है. क्योंकि ये बात साफ है कि यदि कांग्रेस सरकार अपने कदम को पीछे लेती है तो इससे कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में माहौल बन सकता है और भाजपा भी इसे मुद्दा बना सकती है.